कोरोना संकट के दौरान लोगों की मदद करने के लिए जुटी
गोपाल किरन समाज सेवी संस्थाकी मुहिम लगातार जारी है।
ब्यूरोचीफ संदीप शुक्ला
TCS 18 June 2020
श्रीप्रकाश सिंह निमराजे ने ईडब्ल्यूएस कालोनी में लोगों को खाद्य सामग्री,
आटे की थैलियां वितरित की। लोग बारी-बारी से शारीरिक दूरी अपनाते हुए खाद्य सामग्री ,
आटे की थैलियां लेने पहुंचे। लॉकडाउन के दौरान हजारों परिवारों को खाना खिलाने, महिलाओं को सेनेटरी पैड वितरित करने, लोगों को मास्क, खाने का राशन सहित अन्य सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए संस्था लगातार तत्पर रही है और आगे भी रहेगी ।
निमराजे,ने कहा कि सरकार द्वारा लोगों की तकलीफों को दूर करने के लिए जितने कदम उठाने की जरुरत थी उतने उत्तरदायी लोगों द्वारा नहीं उठाए गए। संस्थाओं पर लोगों को निर्भर रहने के लिए छोड़ दिया गया। हमसे लोगों के लिये जो भी मदद हो पाई, हमने की और आगे भी करते रहेंगे। लोग जो दूसरों को भरोसा देते हैं उन्हें हर हाल में निभाना चाहिए । दूसरों की मदद करने में रूकावटें आने पर भी जो मदद करते हैं उनका साथ निभाना चाहिए ।आयें l ऐसा न करने पर पर खुद के साथ समाज भी दोषी बनता है लोग मदद करना छोड़ देंगें ।
मदद लेने वालों को भी समझना चाहिए कि जो स्वेच्छा से जितना मदद करे उससे सन्तुष्ट रहना चाहिए ।जरूरत से ज्यादा मदद करने का दबाव डालने पर मदद करने वाला भी समीक्षा कर निर्णय ले सकता है । मदद लेने वाले नकारा न बनें बल्कि मदद मिलने के बाद आत्मनिर्भर बनने का प्रयास करें । मदद से मिलने वाली सहायता सामग्री का संग्रहण कर दूसरे का हक मारने का पाप अपने सिर पर न लें ।
इस दौरान गीता दत्ता, सुनील वशिष्ठ, आनंद सिंह,
बल्लू , दीपन चौपड़ा मौजूद थे । यह प्रयास संस्था की मुख्य संरक्षक संगीता शाक्य के संरक्षण में चलाया जा रहा है ।
गोपाल किरन समाज सेवी संस्थाकी मुहिम लगातार जारी है।
ब्यूरोचीफ संदीप शुक्ला
TCS 18 June 2020
श्रीप्रकाश सिंह निमराजे ने ईडब्ल्यूएस कालोनी में लोगों को खाद्य सामग्री,
आटे की थैलियां वितरित की। लोग बारी-बारी से शारीरिक दूरी अपनाते हुए खाद्य सामग्री ,
आटे की थैलियां लेने पहुंचे। लॉकडाउन के दौरान हजारों परिवारों को खाना खिलाने, महिलाओं को सेनेटरी पैड वितरित करने, लोगों को मास्क, खाने का राशन सहित अन्य सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए संस्था लगातार तत्पर रही है और आगे भी रहेगी ।
निमराजे,ने कहा कि सरकार द्वारा लोगों की तकलीफों को दूर करने के लिए जितने कदम उठाने की जरुरत थी उतने उत्तरदायी लोगों द्वारा नहीं उठाए गए। संस्थाओं पर लोगों को निर्भर रहने के लिए छोड़ दिया गया। हमसे लोगों के लिये जो भी मदद हो पाई, हमने की और आगे भी करते रहेंगे। लोग जो दूसरों को भरोसा देते हैं उन्हें हर हाल में निभाना चाहिए । दूसरों की मदद करने में रूकावटें आने पर भी जो मदद करते हैं उनका साथ निभाना चाहिए ।आयें l ऐसा न करने पर पर खुद के साथ समाज भी दोषी बनता है लोग मदद करना छोड़ देंगें ।
मदद लेने वालों को भी समझना चाहिए कि जो स्वेच्छा से जितना मदद करे उससे सन्तुष्ट रहना चाहिए ।जरूरत से ज्यादा मदद करने का दबाव डालने पर मदद करने वाला भी समीक्षा कर निर्णय ले सकता है । मदद लेने वाले नकारा न बनें बल्कि मदद मिलने के बाद आत्मनिर्भर बनने का प्रयास करें । मदद से मिलने वाली सहायता सामग्री का संग्रहण कर दूसरे का हक मारने का पाप अपने सिर पर न लें ।
इस दौरान गीता दत्ता, सुनील वशिष्ठ, आनंद सिंह,
बल्लू , दीपन चौपड़ा मौजूद थे । यह प्रयास संस्था की मुख्य संरक्षक संगीता शाक्य के संरक्षण में चलाया जा रहा है ।