कलेक्टर श्रीमती सुरभि गुप्ता ने अलीराजपुर जिले को पेयजल अभावग्रस्त क्षेत्र घोषित किया है
आदेश के साथ आवष्यक दिशा निर्देश जारी
रहीम शेरानी
अलीराजपुर,29 May 2020
कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी श्रीमती सुरभि गुप्ता ने ईई पीएचई से प्राप्त प्रस्ताव के आधार पर म.प्र. पेयजल परिरक्षण अधिनियम 1986 एवं संषोधन 2002 (आगे अधिनियम) की धारा -3 के तहत सम्पूर्ण अलीराजपुर जिले को 30 जून 2020 तक अथवा पर्याप्त वर्षा होने तक पेयजल अभावग्रस्त क्षेत्र घोषित किया है। उक्त आदेश के तहत कलेक्टर अथवा प्राधिकृत अधिकारी की बगैर अनुमति के कोई भी व्यक्ति जल स्त्रोत, नदी, जलधारा, जलाशय आदि से सिंचाई एवं औद्योगिक प्रयोजन हेतु किन्ही भी साधनों से जल नहीं लेगा।
सम्पूर्ण जिले में सिंचाई, उद्यानिकी औद्योगिक प्रयोजन एवं भवन निर्माण हेतु नलकूप, कुआं का खनन पूर्ण रूप से प्रतिबंधित रहेगा। जिले के नदी/नालों पर संचालित उद्वहन सिंचाई योजनाओं में पानी उपलब्धता के आधार पर संबंधित ग्राम पंचायत व जल उपभोक्ता संस्था की अनुषंसा और जल संसाधन विभाग के प्रतिवेदन के आधार पर इस कार्यालय से सिंचाई की अनुमति दी जाएगी। जिन नदी/नालों में पानी बह रहा है, वहां नदी/नालों में रूके हुए पानी के लिए कोई अनमुति नहीं दी जाएगी। केन्द्रीय शासन एवं उनके उपक्रमों और राज्य शासन के विभागों व उनके उपक्रमों को नलकूप खनन की सषर्त छूट रहेगी। उक्त छूट के तहत जिस स्थान पर नलकूप खनन किया जा रहा है वह म.प्र. पेयजल परिक्षरण अधिनियम 1986 की धारा-6 के अनुसार व्यक्तिगत परिक्षेत्र में नहीं आता हो, अर्थात उस स्थल से 150 मीटर के भीतर कोई ऐसा नलकूप न हो जिस पर सार्वजनिक जल प्रदाय व्यवस्था आधारित हो। उक्त शर्त के पालन संबंधित जिम्मेदारी संबंधित विभाग की रहेगी। फाटा तालाब से अलीराजपुर एवं रामपुरा तालाब से जोबट नगर की पेयजल सप्लाई होती है। उक्त तालाबों में पेयजल हेतु फाटा तालाब से जिले के फ्लोराइड प्रभावित 34 ग्रामों की समूह जल प्रदाय योजना के लिए भी पेयजल आरक्षित रखा जाए। उक्तानुसार निर्धारित क्षेत्रों में नदी/बांधों/नहरों जलाषयों बंधानों से घरेलू प्रयोजन के अतिरिक्त किसी अन्य प्रयोजन के लिए जल संसाधन विभाग की जिम्मेदारी है कि वह प्रतिबंधित क्षेत्रों में स्थापित मोटर पम्प की सूची म.प्र. विद्युत कंपनी के ईई को उपलब्ध कराए जिससे कि ऐसे मोटर पम्पों के विद्युत विच्छेद की नियमानुसार आवष्यक कार्यवाही की जा सके। जल अभाव ग्रस्त होने से अलीराजपुर जिले में नलकूपों का खनन प्रतिबंधित हो जाता है। यदि कोई व्यक्ति आदेष का उल्लंघन करता है तो वह अधिनियम की धारा -9 के तहत 2 वर्ष के कारावास अथवा अर्थदंड से दंडित किया जाएगा। यदि कोई व्यक्ति प्रतिबंधित क्षेत्र में सिंचाई अथवा औद्योगिक प्रयोजन हेतु पानी के उपयोग की अनुमति चाहता है तो वह अधिनियम की धारा-4 व संबंधित नियमों के तहत प्राधिकृत अधिकारी को आवेदन प्रस्तुत कर सकता है। विषेश परिस्थिति में अनुमति देने हेतु प्राधिकृत अधिकारी नियुक्त किये गए है। एसडीएम अलीराजपुर को तहसील क्षेत्र अलीराजपुर हेतु, एसडीएम सोंडवा को तहसील क्षेत्र सोंडवा हेतु, एसडीएम कट्ठीवाडा को तहसील क्षेत्र कट्ठीवाडा हेतु, एसडीएम चन्द्रषेखर आजाद नगर को तहसील क्षेत्र चन्द्रषेखर आजाद नगर हेतु एवं एसडीएम जोबट को तहसील क्षेत्र जोबट हेतु प्राधिकृत अधिकारी नियुक्त किया गया है।
आदेश के साथ आवष्यक दिशा निर्देश जारी
रहीम शेरानी
अलीराजपुर,29 May 2020
कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी श्रीमती सुरभि गुप्ता ने ईई पीएचई से प्राप्त प्रस्ताव के आधार पर म.प्र. पेयजल परिरक्षण अधिनियम 1986 एवं संषोधन 2002 (आगे अधिनियम) की धारा -3 के तहत सम्पूर्ण अलीराजपुर जिले को 30 जून 2020 तक अथवा पर्याप्त वर्षा होने तक पेयजल अभावग्रस्त क्षेत्र घोषित किया है। उक्त आदेश के तहत कलेक्टर अथवा प्राधिकृत अधिकारी की बगैर अनुमति के कोई भी व्यक्ति जल स्त्रोत, नदी, जलधारा, जलाशय आदि से सिंचाई एवं औद्योगिक प्रयोजन हेतु किन्ही भी साधनों से जल नहीं लेगा।
सम्पूर्ण जिले में सिंचाई, उद्यानिकी औद्योगिक प्रयोजन एवं भवन निर्माण हेतु नलकूप, कुआं का खनन पूर्ण रूप से प्रतिबंधित रहेगा। जिले के नदी/नालों पर संचालित उद्वहन सिंचाई योजनाओं में पानी उपलब्धता के आधार पर संबंधित ग्राम पंचायत व जल उपभोक्ता संस्था की अनुषंसा और जल संसाधन विभाग के प्रतिवेदन के आधार पर इस कार्यालय से सिंचाई की अनुमति दी जाएगी। जिन नदी/नालों में पानी बह रहा है, वहां नदी/नालों में रूके हुए पानी के लिए कोई अनमुति नहीं दी जाएगी। केन्द्रीय शासन एवं उनके उपक्रमों और राज्य शासन के विभागों व उनके उपक्रमों को नलकूप खनन की सषर्त छूट रहेगी। उक्त छूट के तहत जिस स्थान पर नलकूप खनन किया जा रहा है वह म.प्र. पेयजल परिक्षरण अधिनियम 1986 की धारा-6 के अनुसार व्यक्तिगत परिक्षेत्र में नहीं आता हो, अर्थात उस स्थल से 150 मीटर के भीतर कोई ऐसा नलकूप न हो जिस पर सार्वजनिक जल प्रदाय व्यवस्था आधारित हो। उक्त शर्त के पालन संबंधित जिम्मेदारी संबंधित विभाग की रहेगी। फाटा तालाब से अलीराजपुर एवं रामपुरा तालाब से जोबट नगर की पेयजल सप्लाई होती है। उक्त तालाबों में पेयजल हेतु फाटा तालाब से जिले के फ्लोराइड प्रभावित 34 ग्रामों की समूह जल प्रदाय योजना के लिए भी पेयजल आरक्षित रखा जाए। उक्तानुसार निर्धारित क्षेत्रों में नदी/बांधों/नहरों जलाषयों बंधानों से घरेलू प्रयोजन के अतिरिक्त किसी अन्य प्रयोजन के लिए जल संसाधन विभाग की जिम्मेदारी है कि वह प्रतिबंधित क्षेत्रों में स्थापित मोटर पम्प की सूची म.प्र. विद्युत कंपनी के ईई को उपलब्ध कराए जिससे कि ऐसे मोटर पम्पों के विद्युत विच्छेद की नियमानुसार आवष्यक कार्यवाही की जा सके। जल अभाव ग्रस्त होने से अलीराजपुर जिले में नलकूपों का खनन प्रतिबंधित हो जाता है। यदि कोई व्यक्ति आदेष का उल्लंघन करता है तो वह अधिनियम की धारा -9 के तहत 2 वर्ष के कारावास अथवा अर्थदंड से दंडित किया जाएगा। यदि कोई व्यक्ति प्रतिबंधित क्षेत्र में सिंचाई अथवा औद्योगिक प्रयोजन हेतु पानी के उपयोग की अनुमति चाहता है तो वह अधिनियम की धारा-4 व संबंधित नियमों के तहत प्राधिकृत अधिकारी को आवेदन प्रस्तुत कर सकता है। विषेश परिस्थिति में अनुमति देने हेतु प्राधिकृत अधिकारी नियुक्त किये गए है। एसडीएम अलीराजपुर को तहसील क्षेत्र अलीराजपुर हेतु, एसडीएम सोंडवा को तहसील क्षेत्र सोंडवा हेतु, एसडीएम कट्ठीवाडा को तहसील क्षेत्र कट्ठीवाडा हेतु, एसडीएम चन्द्रषेखर आजाद नगर को तहसील क्षेत्र चन्द्रषेखर आजाद नगर हेतु एवं एसडीएम जोबट को तहसील क्षेत्र जोबट हेतु प्राधिकृत अधिकारी नियुक्त किया गया है।