ख़ाशुक़्जी हत्या मामले में नया मोड़, तुर्की की अदालत में 20 सऊदी नागरिकों के ख़िलाफ़ ख़ाशुक़्जी हत्या केस में चार्जशीट दाख़िल
Sajjad Ali Nayane
14 April 2020
तुर्की में अदालत ने जमाल ख़ाशुक़्जी की हत्या के लिए 20 सऊदी नागरिकों को मुल्ज़िम क़रार दिया है।
तुर्की में एक अदालत ने सऊदी अरब के आलोचक पत्रकार जमाल ख़ाशुक़्जी की हत्या में इस देश के 20 नागरिकों के ख़िलाफ़ मुकदमा चलाने की इजाज़त दे दी है। इन 20 मुल्ज़िमों में सऊदी युवराज मोहम्मद बिन सलमान के दो पूर्व सहायक भी हैं। जमाल ख़ाशुक़्जी को 2 अक्तूबर 2018 को तुर्की के इस्तांबूल शहर में सऊदी अरब के वाणिज्य दूतावास में बड़ी निर्ममता से क़त्ल कर दिया गया और उनके शव के टुकड़े टुकड़े कर दिए गए।
तुर्की की न्यूज़ एजेंसी अनादुलू न्यूज़ के मुताबिक़, 117 पेज की इस चार्जशीट को, जिसे इस्तांबोल के न्यायवादियों ने तय्यार किया है, शहर की अदालत नंबर-11 ने स्वीकार कर लिया है।
इस चार्जशीट में सऊदी अरब के गुप्चर विभाग के पूर्व डिप्टी अहमद असीरी और शाही परिवार के पूर्व सहायक सऊद अलक़हतानी को बिन सलमान के सहायक के तौर पर बताया गया है।
इस चार्जशीट के मुताबिक़, सऊदी अरब में गुप्तचर अधिकारी व मेजर जनरल मंसूर उस्मान एम अब्बाहुसैन को "बिन सलमान के कार्यालय से असीरी की ओर से यह ज़िम्मेदारी दी गयी कि ख़ाशुक़्जी को स्वदेश वापस लाएं और वापस न आने पर जान से मार दें।
Sajjad Ali Nayane
14 April 2020
तुर्की में अदालत ने जमाल ख़ाशुक़्जी की हत्या के लिए 20 सऊदी नागरिकों को मुल्ज़िम क़रार दिया है।
तुर्की में एक अदालत ने सऊदी अरब के आलोचक पत्रकार जमाल ख़ाशुक़्जी की हत्या में इस देश के 20 नागरिकों के ख़िलाफ़ मुकदमा चलाने की इजाज़त दे दी है। इन 20 मुल्ज़िमों में सऊदी युवराज मोहम्मद बिन सलमान के दो पूर्व सहायक भी हैं। जमाल ख़ाशुक़्जी को 2 अक्तूबर 2018 को तुर्की के इस्तांबूल शहर में सऊदी अरब के वाणिज्य दूतावास में बड़ी निर्ममता से क़त्ल कर दिया गया और उनके शव के टुकड़े टुकड़े कर दिए गए।
तुर्की की न्यूज़ एजेंसी अनादुलू न्यूज़ के मुताबिक़, 117 पेज की इस चार्जशीट को, जिसे इस्तांबोल के न्यायवादियों ने तय्यार किया है, शहर की अदालत नंबर-11 ने स्वीकार कर लिया है।
इस चार्जशीट में सऊदी अरब के गुप्चर विभाग के पूर्व डिप्टी अहमद असीरी और शाही परिवार के पूर्व सहायक सऊद अलक़हतानी को बिन सलमान के सहायक के तौर पर बताया गया है।
इस चार्जशीट के मुताबिक़, सऊदी अरब में गुप्तचर अधिकारी व मेजर जनरल मंसूर उस्मान एम अब्बाहुसैन को "बिन सलमान के कार्यालय से असीरी की ओर से यह ज़िम्मेदारी दी गयी कि ख़ाशुक़्जी को स्वदेश वापस लाएं और वापस न आने पर जान से मार दें।