कोरोना के बाद सुरक्षा के बारे में अपनी कल्पना बदलें सरकारें, रक्षा बजट में कटौती करके वह पैसा मानवता की ज़रूरत पूरी करने पर लगाएं!
Sajjad Ali Nayane
17 April 2020
पूर्व सोवियत संघ के राष्ट्रपति मिख़ाइल गोर्बाचोफ़ का कहना है कि कोरोना महामारी ने बता दिया कि सरकारें अगर सुरक्षा के विषय को केवल सैनिक दृष्टि से देखती हैं तो यह वास्तव में पैसे की बर्बादी है।गोर्बाचोफ़े ने कहा कि रक्षा विभाग पर किए जाने वाले ख़र्च में अब कटौती की जानी चाहिए और वह बजट उन चीज़ों पर ख़र्च किया जाना चाहिए जिनकी मानवता को वास्तव में ज़रूरत है।गोर्बाचोफ़ का कहना था कि अब
समय आ गया है कि दुनिया वैश्विक मामलों में सैन्य शक्ति के विकल्प से ख़ुद को पूरी तरह अलग कर ले। उन्होंने कहा कि गंभीर चिंता का विषय उस समय पैदा हो गया जब मध्यपूर्व में बहुत बड़ा युद्ध शुरू हो जाने के हालात बन गए थे।पूर्व सोवियत संघ के राष्ट्रपति ने कहा कि हमें तत्काल जिस चीज़ की ज़रूरत है वह यह है कि हम सुरक्षा की पूरी कल्पना पर फिर से विचार करें। उन्होंने अपने एक लेख में लिखा कि पिछले पांच साल से हम केवल हथियारों, मिसाइलों और हवाई हमलों की ख़बरें सुन रहे हैं।
गोर्बाचोफ़ ने कहा कि कोरोना की महामारी फैली तो यह बात और साफ़ होकर सामने आई कि मानवता को इस समय जो ख़तरे हैं उनका प्रारूप अंतर्राष्ट्रीय है और उनका मुक़ाबला करने के लिए सभी देशों का मिलकर संघर्ष करना ज़रूरी है।
गोर्बाचोफ़ ने कहा कि मैं विश्व नेताओं से अपील करता हूं कि रक्षा बजट में दस से पंद्रह प्रतिशत की कमी करें, इस समय यह सबसे मामूली काम है जो वह कर सकते हैं, यह नई चेतना और नई सभ्यता की दिशा में पहला क़दम होगा।
Sajjad Ali Nayane
17 April 2020
पूर्व सोवियत संघ के राष्ट्रपति मिख़ाइल गोर्बाचोफ़ का कहना है कि कोरोना महामारी ने बता दिया कि सरकारें अगर सुरक्षा के विषय को केवल सैनिक दृष्टि से देखती हैं तो यह वास्तव में पैसे की बर्बादी है।गोर्बाचोफ़े ने कहा कि रक्षा विभाग पर किए जाने वाले ख़र्च में अब कटौती की जानी चाहिए और वह बजट उन चीज़ों पर ख़र्च किया जाना चाहिए जिनकी मानवता को वास्तव में ज़रूरत है।गोर्बाचोफ़ का कहना था कि अब
समय आ गया है कि दुनिया वैश्विक मामलों में सैन्य शक्ति के विकल्प से ख़ुद को पूरी तरह अलग कर ले। उन्होंने कहा कि गंभीर चिंता का विषय उस समय पैदा हो गया जब मध्यपूर्व में बहुत बड़ा युद्ध शुरू हो जाने के हालात बन गए थे।पूर्व सोवियत संघ के राष्ट्रपति ने कहा कि हमें तत्काल जिस चीज़ की ज़रूरत है वह यह है कि हम सुरक्षा की पूरी कल्पना पर फिर से विचार करें। उन्होंने अपने एक लेख में लिखा कि पिछले पांच साल से हम केवल हथियारों, मिसाइलों और हवाई हमलों की ख़बरें सुन रहे हैं।
गोर्बाचोफ़ ने कहा कि कोरोना की महामारी फैली तो यह बात और साफ़ होकर सामने आई कि मानवता को इस समय जो ख़तरे हैं उनका प्रारूप अंतर्राष्ट्रीय है और उनका मुक़ाबला करने के लिए सभी देशों का मिलकर संघर्ष करना ज़रूरी है।
गोर्बाचोफ़ ने कहा कि मैं विश्व नेताओं से अपील करता हूं कि रक्षा बजट में दस से पंद्रह प्रतिशत की कमी करें, इस समय यह सबसे मामूली काम है जो वह कर सकते हैं, यह नई चेतना और नई सभ्यता की दिशा में पहला क़दम होगा।