कोविड़: एक्वाडोर की गली कूचे में पड़ी हैं लाशें, कोई उठाने वाला नहीं
Sajjad Ali Nayane
14 April 2020
इस समय यद्यपि कोरोना वयरस की वजह से दुनिया भर में अधिकारी महामारी से मरने वाले लोगों के परिजनों को अपने प्यारों की लाशों से भी दूर रखने का प्रयास कर रहे हैं।
दक्षिणी अमरीका के शहर एक्वाडोर में इससे भिन्न और बहुत ही भयानक स्थिति है, जहां लोग अपने ही मरने वाले परिजनों की लाशों को उठाने और दफ़ाने या जलाने से भी बच रहे हैं।
जारी महीने के आरंभ में एक्वाडोर के तटवर्ती शहर गोयाकल से रिपोर्ट सामने आई है कि वहां पर संदिग्ध रूप से कोरोना वायरस की वजह से मरने वालों की लाशें गलियों और घरों के दरवाज़ों के बाहर पड़ी है और उन्हें कोई उठाने वाला नहीं है।
सीएनएन ने गोयाकल से सामने आने वाली वीडियोज़ और फ़ोटोज़ के हवाले से बताया था कि वहां पर कोरोना की वजह से संदिग्ध रूप से मरने वालों के शव 5 दिन तक गलियों में पड़े रहे और उनसे बदबू आने लगी किन्तु उन्हें कोई उठाने वाला नहीं था।
इसके बाद लाशों को उठाने और उन्हें दफ़नाने या जलाने के लिए नागरिक प्रशासन का मुर्दाघरों पर तैनात कर्मी दल और पुलिस सामने आई और उन्होंने ऐसे शवों को गलियों और घरों के बाहर से हटाया।
अधिकारियों ने बताया कि उन्हें अप्रैल के पहले सप्ताह से अब तक गलियों और घरों के बाहर पड़ी 800 लाशें उठाकर उनका अंतिम संस्कार अदा करने के बाद उन्हें दफ़नाया या जला दिया।
लाशें उठाने वाली टीम के अधिकारियों के अनुसार यह स्पष्ट नहीं है कि जिन शवों को उठाकर दफ़नाया या जलाया गया है, उनमें से कितने लोग कोरोना से मरे हैं।
अधिकारियों ने चिंता व्यक्त की है कि मरने वाले समस्त लोग कोरोना से नहीं मरे होंगे किन्तु भय की स्थिति की वजह से लोग शवों को भी उठाने और हाथ लगाने को तैयार नहीं हैं।
Sajjad Ali Nayane
14 April 2020
इस समय यद्यपि कोरोना वयरस की वजह से दुनिया भर में अधिकारी महामारी से मरने वाले लोगों के परिजनों को अपने प्यारों की लाशों से भी दूर रखने का प्रयास कर रहे हैं।
दक्षिणी अमरीका के शहर एक्वाडोर में इससे भिन्न और बहुत ही भयानक स्थिति है, जहां लोग अपने ही मरने वाले परिजनों की लाशों को उठाने और दफ़ाने या जलाने से भी बच रहे हैं।
जारी महीने के आरंभ में एक्वाडोर के तटवर्ती शहर गोयाकल से रिपोर्ट सामने आई है कि वहां पर संदिग्ध रूप से कोरोना वायरस की वजह से मरने वालों की लाशें गलियों और घरों के दरवाज़ों के बाहर पड़ी है और उन्हें कोई उठाने वाला नहीं है।
सीएनएन ने गोयाकल से सामने आने वाली वीडियोज़ और फ़ोटोज़ के हवाले से बताया था कि वहां पर कोरोना की वजह से संदिग्ध रूप से मरने वालों के शव 5 दिन तक गलियों में पड़े रहे और उनसे बदबू आने लगी किन्तु उन्हें कोई उठाने वाला नहीं था।
इसके बाद लाशों को उठाने और उन्हें दफ़नाने या जलाने के लिए नागरिक प्रशासन का मुर्दाघरों पर तैनात कर्मी दल और पुलिस सामने आई और उन्होंने ऐसे शवों को गलियों और घरों के बाहर से हटाया।
अधिकारियों ने बताया कि उन्हें अप्रैल के पहले सप्ताह से अब तक गलियों और घरों के बाहर पड़ी 800 लाशें उठाकर उनका अंतिम संस्कार अदा करने के बाद उन्हें दफ़नाया या जला दिया।
लाशें उठाने वाली टीम के अधिकारियों के अनुसार यह स्पष्ट नहीं है कि जिन शवों को उठाकर दफ़नाया या जलाया गया है, उनमें से कितने लोग कोरोना से मरे हैं।
अधिकारियों ने चिंता व्यक्त की है कि मरने वाले समस्त लोग कोरोना से नहीं मरे होंगे किन्तु भय की स्थिति की वजह से लोग शवों को भी उठाने और हाथ लगाने को तैयार नहीं हैं।