लॉकडाउन: सूरत में सड़क पर उतरे मजदूर, कहा-चार दिन से नहीं मिला खाना, घर वापस भेज दो
TCS News Network
14 April 2020
अहमदाबाद. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा कोरोना वायरस से बचने के लिए लॉकडाउन बढ़ाए जाने की घोषणा के बाद गुजरात के सूरत में सैकड़ों की संख्या में प्रवासी मजदूर सड़कों पर उतर आए. ये प्रवासी मजदूर लॉकडाउन के बावजूद घर भेजने की मांग कर रहे हैं. इनमें से कई मजदूर खाने-पीने को लेकर शिकायत कर रहे हैं. कुछ का कहना है कि उन्हें पिछले चार दिनों से खाने के लिए कुछ नहीं मिल सका है और वह पानी पीकर अपना गुजारा कर रहे हैं.
घर वापस भेजने की मांग कर रहे हैं मजदूर
ये मजदूर सूरत के दो इलाकों वराछा ओर अश्विनी कुमार में कपडे़ ओर एम्ब्रॉयडरी का काम करते हैं. मजदूरों की मांग है कि उन्हें वापस अपने गांव भेजा जाए. मजदूरों का आरोप है कि उनके लिए खाने और राशन की भी कोई व्यवस्था नहीं है. वराछा इलाके में कारीगरों ने मास्क लगाकर भीड़ इकट्ठा की तो अश्विनी कुमार इलाके में सोशल डिस्टेंसिंग रख जमावड़ा किया. हालांकि बाद में पुलिस के हस्तक्षेप से वे तितर-बितर हो गए. पुलिस ने उन्हें एरिया को खाली करने और अपनी जगहों जहां वह ठहरे हुए थे पर लौटने के लिए राजी कर लिया.सूरत में यूपी, बिहार, राजस्थान, ओडिशा से मजदूर काम के लिए आते हैं. इससे कुछ दिन पहले भी मजदूर हिंसा पर उतर आए थे और सब्जियों के ठेलों को आग लगा दी थी.
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14 April 2020
अहमदाबाद. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा कोरोना वायरस से बचने के लिए लॉकडाउन बढ़ाए जाने की घोषणा के बाद गुजरात के सूरत में सैकड़ों की संख्या में प्रवासी मजदूर सड़कों पर उतर आए. ये प्रवासी मजदूर लॉकडाउन के बावजूद घर भेजने की मांग कर रहे हैं. इनमें से कई मजदूर खाने-पीने को लेकर शिकायत कर रहे हैं. कुछ का कहना है कि उन्हें पिछले चार दिनों से खाने के लिए कुछ नहीं मिल सका है और वह पानी पीकर अपना गुजारा कर रहे हैं.
घर वापस भेजने की मांग कर रहे हैं मजदूर
ये मजदूर सूरत के दो इलाकों वराछा ओर अश्विनी कुमार में कपडे़ ओर एम्ब्रॉयडरी का काम करते हैं. मजदूरों की मांग है कि उन्हें वापस अपने गांव भेजा जाए. मजदूरों का आरोप है कि उनके लिए खाने और राशन की भी कोई व्यवस्था नहीं है. वराछा इलाके में कारीगरों ने मास्क लगाकर भीड़ इकट्ठा की तो अश्विनी कुमार इलाके में सोशल डिस्टेंसिंग रख जमावड़ा किया. हालांकि बाद में पुलिस के हस्तक्षेप से वे तितर-बितर हो गए. पुलिस ने उन्हें एरिया को खाली करने और अपनी जगहों जहां वह ठहरे हुए थे पर लौटने के लिए राजी कर लिया.सूरत में यूपी, बिहार, राजस्थान, ओडिशा से मजदूर काम के लिए आते हैं. इससे कुछ दिन पहले भी मजदूर हिंसा पर उतर आए थे और सब्जियों के ठेलों को आग लगा दी थी.