पर्यावरण संरक्षण पर रैप सॉन्ग का छायांकन
विकास दीक्षित/एस.पी.तिवारी
पलियाकलां-खीरी
राएज इंटरटेनमेंट नेटवर्क द्वारा प्रकृति संरक्षण व स्वच्छ पर्यावरण के संदेश के साथ सम्बन्धित पटकथा के आधार पर रैप संगीत के माध्यम से नेचर एंथम वीडियो गीत का छायांकन स्थानीय प्रकृतिक स्थलों पर किया गय।युवा पीढ़ी पर्यावरण के प्रति अपने कर्तव्यों को समझे और जीवन के मूल आधार प्रकृति, हरियाली एवं पर्यावरण की रक्षा को प्रतिबद्ध रहे। गाने के शब्दों के माध्यम से पर्यावरण का मनुष्य पर प्रभाव,एमेजॉन जंगलों की विनाशकारी आग, ओजोन परत के खतरों,ग्लोबल वार्मिंग, अकार्बनिक पदार्थों,प्लास्टिक, घटते जंगलों, व अन्य कचरे आदि के दीर्घकालिक दुष्प्रभावों के बारे में चेतावनी
सहित सचेत करने के प्रयास के साथ युवाओं में लोकप्रिय रैप आधारित नेचर एंथम का छायांकन पलिया क्षेत्र में विभिन्न स्थानों पर किया गया है।शूटिंग के निर्माता - निर्देशक आयुष साबत, यतेंद्र मेघवाल और दिव्यांशु दीक्षित ने संयुक्तरूप से बताया कि गीत के रैपर कलाकार राहुल, कैमरामैन सुबिन्दर सिंह व अन्य सहायक कलाकार व तकनीकी सहायक टीम के साथ आदिवासी जनजाति के बच्चों के साथ रैप गीत की शूटिंग के दौरान निर्माता आयुष साबत ने बताया कि जंगल जल रहे हैं, इंसानों की लापरवाही से पर्यावरण प्रदूषित हो रहा है लेकिन अधिकांश लोग प्रदूषित वातावरण के खतरे से अनजान पर्यावरण संरक्षण के स्थान प्रदूषण के कारक बन रहे हैं चूँकि रैप संगीत विशेषकर युवाओं में काफी लोकप्रिय है इसलिये रैपसाँग के माध्यम से लोगों से पर्यावरण की रक्षा व जागरूकता का आह्वान किया गया है।
विकास दीक्षित/एस.पी.तिवारी
पलियाकलां-खीरी
राएज इंटरटेनमेंट नेटवर्क द्वारा प्रकृति संरक्षण व स्वच्छ पर्यावरण के संदेश के साथ सम्बन्धित पटकथा के आधार पर रैप संगीत के माध्यम से नेचर एंथम वीडियो गीत का छायांकन स्थानीय प्रकृतिक स्थलों पर किया गय।युवा पीढ़ी पर्यावरण के प्रति अपने कर्तव्यों को समझे और जीवन के मूल आधार प्रकृति, हरियाली एवं पर्यावरण की रक्षा को प्रतिबद्ध रहे। गाने के शब्दों के माध्यम से पर्यावरण का मनुष्य पर प्रभाव,एमेजॉन जंगलों की विनाशकारी आग, ओजोन परत के खतरों,ग्लोबल वार्मिंग, अकार्बनिक पदार्थों,प्लास्टिक, घटते जंगलों, व अन्य कचरे आदि के दीर्घकालिक दुष्प्रभावों के बारे में चेतावनी
सहित सचेत करने के प्रयास के साथ युवाओं में लोकप्रिय रैप आधारित नेचर एंथम का छायांकन पलिया क्षेत्र में विभिन्न स्थानों पर किया गया है।शूटिंग के निर्माता - निर्देशक आयुष साबत, यतेंद्र मेघवाल और दिव्यांशु दीक्षित ने संयुक्तरूप से बताया कि गीत के रैपर कलाकार राहुल, कैमरामैन सुबिन्दर सिंह व अन्य सहायक कलाकार व तकनीकी सहायक टीम के साथ आदिवासी जनजाति के बच्चों के साथ रैप गीत की शूटिंग के दौरान निर्माता आयुष साबत ने बताया कि जंगल जल रहे हैं, इंसानों की लापरवाही से पर्यावरण प्रदूषित हो रहा है लेकिन अधिकांश लोग प्रदूषित वातावरण के खतरे से अनजान पर्यावरण संरक्षण के स्थान प्रदूषण के कारक बन रहे हैं चूँकि रैप संगीत विशेषकर युवाओं में काफी लोकप्रिय है इसलिये रैपसाँग के माध्यम से लोगों से पर्यावरण की रक्षा व जागरूकता का आह्वान किया गया है।