गन्ना भुगतान न मिलने से किसानों के चेहरों पर छायी मायूसी
गन्ने का भुगतान न होने से किसान हाल बेहाल
ब्यूरोचीफ एस.पी.तिवारी/सोनू पाण्डेय
निघासन-खीरी,15 June 2020
दशकों से देश मे किसानों की हालत बदतर होती जा रही है। सरकार केवल वादों तक ही सीमित रहती है, उसकी जमीनी हकीकत कही भी नही दिखाई पड़ती है व चाहे भाजपा हो सपा हो बहुजन समाज पार्टी हो या फिर कांग्रेस हो सबकी लीला अलग ही है।
उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनने के बाद किसानों और मजदूरों के चहरे खिल उठे थे, उनके अंदर एक आशा की किरण जग गयी थी कि दशकों से जो हालात से हम सब गुजर रहे थे उसमे सुधार देखने को मिलेगा और हमारी लोगों की स्थिति भी सुधर जाएगी।किसानों के अंधविश्वास को और भी दृढ़ संकल्पी बना दिया सूबे की योगी सरकार ने क्योकि सूबे में भारतीय जनता पार्टी को पूर्ण बहुमत मिलने के बाद मुख्यमंत्री पद के लिए योगी आदित्यनाथ की घोषणा होने के बाद योगी जी ने किसानों के लिए वादों की झडी लगा दी थी।योगी आदित्यनाथ द्वारा किसानों के लिए किए गए वादों में एक वादा ये भी था कि किसानों को गन्ने का उचित मूल्य गन्ना तुलने के 14 दिन में भुगतान कर दिया जाएगा।
किन्तु उनका वादा केवल हवा हवाई ही दिखाई पड़ा।बताते चले बेलरायां सरजू सहकारी चीनी मिल के गन्ना किसान गन्ने का पेमेंट न मिलने से काफी परेशान हैं,उनके सामने नई फसल को बोने से लेकर बोई हुई फसल को सवारने के लिए काफी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है।
किसान बोई हुई फसल को सवारने और नई फसल को बोने के लिए सूत पर पैसा ले रहा है, जिससे उसकी आर्थिक स्थिति और भी बिगड़ती जा रही है।गन्ना किसानों के लिए योगी सरकार द्वारा 14 दिन के अंदर गन्ना भुगतान करने का किया गया वादा केवल पल दो पल की खुशी का था ,आज गन्ना किसानों के हालात यह है कि उन्हें उनके गन्ने का भुगतान 14 दिन के अंदर मिलने की बात छोड़ो महीनों बाद भी मिलने की कोई संभावना नही दिखाई पड़ रही है। गन्ना किसानों को समय से गन्ने का भुगतान न मिल पाने से आर्थिक स्थिति दिन प्रतिदिन बिगड़ती ही जा रही है,अगर गन्ने के भुगतान को लेकर शासन की तरफ से कोई सकारात्मक कदम न उठाया गया तो किसानों के हालात और भी बिगड़ सकते है।
गन्ने का भुगतान न होने से किसान हाल बेहाल
ब्यूरोचीफ एस.पी.तिवारी/सोनू पाण्डेय
निघासन-खीरी,15 June 2020
दशकों से देश मे किसानों की हालत बदतर होती जा रही है। सरकार केवल वादों तक ही सीमित रहती है, उसकी जमीनी हकीकत कही भी नही दिखाई पड़ती है व चाहे भाजपा हो सपा हो बहुजन समाज पार्टी हो या फिर कांग्रेस हो सबकी लीला अलग ही है।
उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनने के बाद किसानों और मजदूरों के चहरे खिल उठे थे, उनके अंदर एक आशा की किरण जग गयी थी कि दशकों से जो हालात से हम सब गुजर रहे थे उसमे सुधार देखने को मिलेगा और हमारी लोगों की स्थिति भी सुधर जाएगी।किसानों के अंधविश्वास को और भी दृढ़ संकल्पी बना दिया सूबे की योगी सरकार ने क्योकि सूबे में भारतीय जनता पार्टी को पूर्ण बहुमत मिलने के बाद मुख्यमंत्री पद के लिए योगी आदित्यनाथ की घोषणा होने के बाद योगी जी ने किसानों के लिए वादों की झडी लगा दी थी।योगी आदित्यनाथ द्वारा किसानों के लिए किए गए वादों में एक वादा ये भी था कि किसानों को गन्ने का उचित मूल्य गन्ना तुलने के 14 दिन में भुगतान कर दिया जाएगा।
किन्तु उनका वादा केवल हवा हवाई ही दिखाई पड़ा।बताते चले बेलरायां सरजू सहकारी चीनी मिल के गन्ना किसान गन्ने का पेमेंट न मिलने से काफी परेशान हैं,उनके सामने नई फसल को बोने से लेकर बोई हुई फसल को सवारने के लिए काफी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है।
किसान बोई हुई फसल को सवारने और नई फसल को बोने के लिए सूत पर पैसा ले रहा है, जिससे उसकी आर्थिक स्थिति और भी बिगड़ती जा रही है।गन्ना किसानों के लिए योगी सरकार द्वारा 14 दिन के अंदर गन्ना भुगतान करने का किया गया वादा केवल पल दो पल की खुशी का था ,आज गन्ना किसानों के हालात यह है कि उन्हें उनके गन्ने का भुगतान 14 दिन के अंदर मिलने की बात छोड़ो महीनों बाद भी मिलने की कोई संभावना नही दिखाई पड़ रही है। गन्ना किसानों को समय से गन्ने का भुगतान न मिल पाने से आर्थिक स्थिति दिन प्रतिदिन बिगड़ती ही जा रही है,अगर गन्ने के भुगतान को लेकर शासन की तरफ से कोई सकारात्मक कदम न उठाया गया तो किसानों के हालात और भी बिगड़ सकते है।