पत्रकारों के उत्पीड़न पर अमादा खीरी पुलिस
पुलिस अधीक्षक खीरी के निर्देशन में पत्रकारों पर लिखे जा रहे ताबड़तोड़ फर्जी मुकदमे
दिन रात कोतवाली में जमे रहने वाले चंद नामचीन अखबारों व चैनलों के ओछे पत्रकारो को ही शहर कोतवाली पुलिस ही मानती है पत्रकार और इनके ही इशारें पर ही संचालित होते हैं कार्य,पुलिस अधीक्षक भी इस मामले पर बंद किए हैं आंख व कान
कमल मिश्रा/राम नारायण मिश्रा
लखीमपुर-खीरी,27 May 2020
एक तरफ योगी सरकार महिलाओं की महफूजी व उनके सम्मान को लेकर कई योजनाएं संचालित कर रही हैं और पत्रकारों के सम्मान की सुरक्षा को लेकर जहां डीजीपी कार्यालय द्वारा एक आदेश जारी कर इसका कड़ाई से पालन करने के लिए आए दिन सख्त फरमान जारी कर रहे हैं पर इसका असर खीरी में अपने मद में मदहोश पुलिस पर नहीं पड़ता है यहां पर शासन के आदेशों की धज्जियां उड़ाकर मनमाने ढंग से कार्य संचालित किया जा रहा है।
जनपद में पुलिस विभाग के अफसरों की मदहोशी का सबसे बुरा हाल कोतवाली सदर लखीमपुर में देखने को मिल सकता है।यहां पर सुबह से ही चंद चाटुकार व कोतवाली में कमाऊ एजेंट के रूप में डेरा डाले देखे जा सकते हैं जिनके इशारे पर कब कौन भला आदमी बेइज्जत कर दिया जाए और किस पर कब कौन सा झूठा कपोल कल्पित मनघड़ंत रचना रचकर किसी पत्रकार या संभ्रांत व्यक्ति को गुण्डा बनाकर सामाजिक व आर्थिक रूप से प्रताड़ित कर दिया जाए।इन चन्द चाटुकारो की कोतवाली में तूती बोलती है जिसके चलते पुलिस के गोपनीय दस्तावेजों में खुर्द बुर्द करने व जहां पर विभाग के गोपनीय दस्तावेजों को रखा जाता है वहां पर भी जमात लगाए बैठे देखे जा सकते हैं।वैसे जिले भर में विगत मई वर्ष में एक दर्जन मुकदमे पत्रकारों पर लिखे गए किसी मे भी राजपत्रित अधिकारी से जांच नहीं कराई गई।पत्रकारों के विरुद्ध मुकदमें में सबसे पहले पायदान पर कोतवाली सदर पुलिस ही शायद रहे।क्योकि यहां पर गांधीजी के बंदरों का राज कायम हो गया है। यह क्रम अशोक पांडेय के कार्यकाल से अनवरत चला आ रहा है।पत्रकारों के उत्पीड़न का अजीबो-गरीब मामला जिले से लेकर प्रदेश स्तर तक मुख्य रूप से चर्चा का विषय बना हुआ है।कोतवाली सदर मे फर्जी मुकदमा अपराध संख्या 0643/2020 मे वर्णित कथन को देखकर पैरों तले जमीन खसक जायेगी और कोतवाली पुलिस की कार्यशैली की कलई खुल कर सामने आ जायेगी। पीड़ित पत्रकार नित्यानंद बाजपेयी ने सभी मजबूत साक्ष्यो समेत मामले की शिकायत प्रमुख सचिव गृह व अपर पुलिस महानिदेशक से मिलकर मामले की निष्पक्ष जांच व नीलिमा तिवारी व सभी आरोपियों की मोबाइल लोकेशन निकलवाये जाने की मांग की है।
इस बाबत में जब अपर पुलिस महानिदेशक से जानकारी चाही गई तो उन्होंने बताया कि मामला संज्ञान में आया है और मामले की निष्पक्ष जांच कराए जाने की किसी अन्य पुलिस क्षेत्राधिकारी से जांच कराये जाने के आदेश दिए हैं जांच में सभी पहलुओं की जांच कराई जाएगी।
पुलिस अधीक्षक खीरी के निर्देशन में पत्रकारों पर लिखे जा रहे ताबड़तोड़ फर्जी मुकदमे
दिन रात कोतवाली में जमे रहने वाले चंद नामचीन अखबारों व चैनलों के ओछे पत्रकारो को ही शहर कोतवाली पुलिस ही मानती है पत्रकार और इनके ही इशारें पर ही संचालित होते हैं कार्य,पुलिस अधीक्षक भी इस मामले पर बंद किए हैं आंख व कान
कमल मिश्रा/राम नारायण मिश्रा
लखीमपुर-खीरी,27 May 2020
एक तरफ योगी सरकार महिलाओं की महफूजी व उनके सम्मान को लेकर कई योजनाएं संचालित कर रही हैं और पत्रकारों के सम्मान की सुरक्षा को लेकर जहां डीजीपी कार्यालय द्वारा एक आदेश जारी कर इसका कड़ाई से पालन करने के लिए आए दिन सख्त फरमान जारी कर रहे हैं पर इसका असर खीरी में अपने मद में मदहोश पुलिस पर नहीं पड़ता है यहां पर शासन के आदेशों की धज्जियां उड़ाकर मनमाने ढंग से कार्य संचालित किया जा रहा है।
जनपद में पुलिस विभाग के अफसरों की मदहोशी का सबसे बुरा हाल कोतवाली सदर लखीमपुर में देखने को मिल सकता है।यहां पर सुबह से ही चंद चाटुकार व कोतवाली में कमाऊ एजेंट के रूप में डेरा डाले देखे जा सकते हैं जिनके इशारे पर कब कौन भला आदमी बेइज्जत कर दिया जाए और किस पर कब कौन सा झूठा कपोल कल्पित मनघड़ंत रचना रचकर किसी पत्रकार या संभ्रांत व्यक्ति को गुण्डा बनाकर सामाजिक व आर्थिक रूप से प्रताड़ित कर दिया जाए।इन चन्द चाटुकारो की कोतवाली में तूती बोलती है जिसके चलते पुलिस के गोपनीय दस्तावेजों में खुर्द बुर्द करने व जहां पर विभाग के गोपनीय दस्तावेजों को रखा जाता है वहां पर भी जमात लगाए बैठे देखे जा सकते हैं।वैसे जिले भर में विगत मई वर्ष में एक दर्जन मुकदमे पत्रकारों पर लिखे गए किसी मे भी राजपत्रित अधिकारी से जांच नहीं कराई गई।पत्रकारों के विरुद्ध मुकदमें में सबसे पहले पायदान पर कोतवाली सदर पुलिस ही शायद रहे।क्योकि यहां पर गांधीजी के बंदरों का राज कायम हो गया है। यह क्रम अशोक पांडेय के कार्यकाल से अनवरत चला आ रहा है।पत्रकारों के उत्पीड़न का अजीबो-गरीब मामला जिले से लेकर प्रदेश स्तर तक मुख्य रूप से चर्चा का विषय बना हुआ है।कोतवाली सदर मे फर्जी मुकदमा अपराध संख्या 0643/2020 मे वर्णित कथन को देखकर पैरों तले जमीन खसक जायेगी और कोतवाली पुलिस की कार्यशैली की कलई खुल कर सामने आ जायेगी। पीड़ित पत्रकार नित्यानंद बाजपेयी ने सभी मजबूत साक्ष्यो समेत मामले की शिकायत प्रमुख सचिव गृह व अपर पुलिस महानिदेशक से मिलकर मामले की निष्पक्ष जांच व नीलिमा तिवारी व सभी आरोपियों की मोबाइल लोकेशन निकलवाये जाने की मांग की है।
इस बाबत में जब अपर पुलिस महानिदेशक से जानकारी चाही गई तो उन्होंने बताया कि मामला संज्ञान में आया है और मामले की निष्पक्ष जांच कराए जाने की किसी अन्य पुलिस क्षेत्राधिकारी से जांच कराये जाने के आदेश दिए हैं जांच में सभी पहलुओं की जांच कराई जाएगी।