सफलता की कहानी
साकडी निवासी किसान गुंजारिया तरबूज की खेती करके बनें आत्म निर्भर
क्षेत्र के किसान गुंजारिया की बनी अलग पहचान
रहीम शेरानी
अलिराजपुर,14 May 2020
अलीराजपुर 13 मई 2020 गत वर्ष तक इन दिनों मजदूरी और रोजगार की तलाश में पलायन पर रहने वाले ग्राम साकडी निवासी गुंजारिया सस्तिया इन दिनों घर पर रहकर तरबूज की खेती कर रहे है।
वे प्रतिदिन तरबूज खेती से 3 से साढे 3 हजार रूपये की आय प्राप्त कर रहे है।
यह सब संभव हुआ उद्यानिकी विभाग से मिली ड्रीप एवं मल्चींग विधि से तरबूज की खेती करने से लॉक डाउन के बीच अपने खेत के पास ही दुकान लगाकर 20 रूपये प्रति किलो के दाम पर तरबूज की उपज बैचकर अच्छी खासी आय प्राप्त कर रहे है।
जिला मुख्यालय से करीब 35 किमी दूर ग्राम पुजारा फलिया निवासी गुंजारिया ने करीब पौन एकड भूमि पर तरबूज की खेती मल्चींग और ड्रीप पद्धति से लगाई।
करीब 20 हजार रूपये की लागत से बीज, खाद, दवाओं, मल्चींग हेतु खर्च किया।
अब तक गुंजारिया करीब 35 क्विंटल तरबूज का विक्रय कर चुके है। उपज निकले पर पहले उन्होंने थोक के दाम पर तरबूज बैचा जो 10 से 12 रूपये तक ही बिका।
फिर उन्होंने खेत के पास ही दुकान लगाकर 20 रूपये प्रति किलों के दाम पर तरबूज बैचना शुरू किया।
गुजारिया बताते है करीब 80 हजार रूपये से अधिक का तरबूज बिकेगा।
वे बताते उद्यानिकी विभाग से मिला मार्गदर्शन और ड्रीप विधि से तरबूज की खेती करके दो माह की मेहनत में मेरी आय में खासी वृद्धि हुई है।
इस वर्ष गर्मी के दिनों में रोजगार के लिए पलायन भी नहीं किया। घर बैठकर ही रोजगार मिल गया। लॉक डाउन के बीच भी हमें रोजगार मिला और अच्छी आय प्राप्त हुई।
वे बताते है कि तरबूज की वाडी में मेढ पर हमने प्लास्टीक की नेट लगाकर खेत की सुरक्षा भी की। वे बताते हमारी तरबूज की खेती देखकर आसपास के किसान भी आगामी वर्ष में तरबूज की खेती करने का मन बना रहे है। उप संचालक उद्यानिकी श्री बीएस चौहान ने बताया उद्यानिकी विभाग के तकनीकी मार्गदर्षन दिया। लॉक डाउन के बावजूद उक्त किसान को अच्छा लाभ मिल रहा है। साथ ही इन्हें पलायन भी नहीं करना पडा। कलेक्टर श्रीमती सुरभि गुप्ता ने बताया नवीन तकनीक अपना कर तरबूज खेती से उक्त किसान कृषि से लाभ कमा रहा है। विभागीय योजना से लाभ लेकर उक्त किसान को रोजगार का एक अच्छा अवसर मिला है जो क्षेत्र के किसानों के लिए भी प्रेरणादायी है।
साकडी निवासी किसान गुंजारिया तरबूज की खेती करके बनें आत्म निर्भर
क्षेत्र के किसान गुंजारिया की बनी अलग पहचान
रहीम शेरानी
अलिराजपुर,14 May 2020
अलीराजपुर 13 मई 2020 गत वर्ष तक इन दिनों मजदूरी और रोजगार की तलाश में पलायन पर रहने वाले ग्राम साकडी निवासी गुंजारिया सस्तिया इन दिनों घर पर रहकर तरबूज की खेती कर रहे है।
वे प्रतिदिन तरबूज खेती से 3 से साढे 3 हजार रूपये की आय प्राप्त कर रहे है।
यह सब संभव हुआ उद्यानिकी विभाग से मिली ड्रीप एवं मल्चींग विधि से तरबूज की खेती करने से लॉक डाउन के बीच अपने खेत के पास ही दुकान लगाकर 20 रूपये प्रति किलो के दाम पर तरबूज की उपज बैचकर अच्छी खासी आय प्राप्त कर रहे है।
जिला मुख्यालय से करीब 35 किमी दूर ग्राम पुजारा फलिया निवासी गुंजारिया ने करीब पौन एकड भूमि पर तरबूज की खेती मल्चींग और ड्रीप पद्धति से लगाई।
करीब 20 हजार रूपये की लागत से बीज, खाद, दवाओं, मल्चींग हेतु खर्च किया।
अब तक गुंजारिया करीब 35 क्विंटल तरबूज का विक्रय कर चुके है। उपज निकले पर पहले उन्होंने थोक के दाम पर तरबूज बैचा जो 10 से 12 रूपये तक ही बिका।
फिर उन्होंने खेत के पास ही दुकान लगाकर 20 रूपये प्रति किलों के दाम पर तरबूज बैचना शुरू किया।
गुजारिया बताते है करीब 80 हजार रूपये से अधिक का तरबूज बिकेगा।
वे बताते उद्यानिकी विभाग से मिला मार्गदर्शन और ड्रीप विधि से तरबूज की खेती करके दो माह की मेहनत में मेरी आय में खासी वृद्धि हुई है।
इस वर्ष गर्मी के दिनों में रोजगार के लिए पलायन भी नहीं किया। घर बैठकर ही रोजगार मिल गया। लॉक डाउन के बीच भी हमें रोजगार मिला और अच्छी आय प्राप्त हुई।
वे बताते है कि तरबूज की वाडी में मेढ पर हमने प्लास्टीक की नेट लगाकर खेत की सुरक्षा भी की। वे बताते हमारी तरबूज की खेती देखकर आसपास के किसान भी आगामी वर्ष में तरबूज की खेती करने का मन बना रहे है। उप संचालक उद्यानिकी श्री बीएस चौहान ने बताया उद्यानिकी विभाग के तकनीकी मार्गदर्षन दिया। लॉक डाउन के बावजूद उक्त किसान को अच्छा लाभ मिल रहा है। साथ ही इन्हें पलायन भी नहीं करना पडा। कलेक्टर श्रीमती सुरभि गुप्ता ने बताया नवीन तकनीक अपना कर तरबूज खेती से उक्त किसान कृषि से लाभ कमा रहा है। विभागीय योजना से लाभ लेकर उक्त किसान को रोजगार का एक अच्छा अवसर मिला है जो क्षेत्र के किसानों के लिए भी प्रेरणादायी है।