सूरत – झारखंड के मजदूरों को भाजपा कार्यकर्ता ने टिकट के नाम की पिटाई !
TCS News Network
09 May 2020
बीजेपी नेता और सरकार के प्रवक्ता दावा कर रहे हैं कि लॉकडाउन में फंसे प्रवासी मजदूरों के घर लौटने का ट्रेन किराया राज्यों से देने को कहा गया है. ऐसे में गुजरात के सूरत से एक हैरान करने वाला वाकया सामने आया है.राजेश वर्मा नाम के एक आदमी ने गुजरात से अपने राज्य वापस जाने वाले करीब 100 प्रवासी मजदूरों से टिकट खरीदने के नाम पर ज्यादा पैसे लिए और उन्हें चूना लगाया. वर्मा को बीजेपी की सूरत यूनिट का सदस्य बताया जाता है. सूरत बीजेपी ने राजेश को झारखंड के प्रवासी मजदूरों की यात्रा का इंतजाम देखने के लिए नियुक्त किया गया था.8 मई को एक वीडियो सामने आया जिसमें एक आदमी के माथे से खून निकल रहा है और वो दावा कर रहा है कि वर्मा ने सभी लोगों से टिकट के लिए 2,000 रुपये देने को कहा.
झारखंड का टिकट असल में करीब 750 रुपये का है. लॉकडाउन के दौर में भी मजदूरों ने किसी तरह इकट्ठा करके वर्मा को करीब 1.40 लाख दिए हैं.इसके बाद वर्मा ने इनसे संपर्क नहीं किया. 7 मई को कई मजदूर वर्मा के ऑफिस के बाहर जमा हो गए, जिसके बाद वर्मा ने कथित रूप से इनके साथ हिंसा की.घटना की पुष्टि करते हुए सूरत के ACP अभिजीत परमार ने कहा कि पुलिस वर्मा के ऑफिस पहुंची जब प्रवासी मजदूर बड़ी संख्या में अपने पैसे वापस मांगने पहुंचे. हमने स्थिति सामान्य कराई और मजदूरों को समझाया कि तुरंत झारखंड के लिए कोई ट्रेन नहीं है. हमने उनसे कहा कि हम उनके पैसे वापस करेंगे. राजेश वर्मा को गिरफ्तार कर लिया गया है.क्विंट की रिपोर्ट के मुताबिकबीजेपी के मीडिया कोऑर्डिनेटर प्रशांत वाला ने राजेश वर्मा के लिए कहा कि ‘वो पार्टी का कार्यकर्ता नहीं है’. हालांकि बीजेपी के लेटरहेड के साथ एक नोट पर लिखा है कि वर्मा को बीजेपी ने ही मजदूरों की मदद के लिए नियुक्त किया था.
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09 May 2020
बीजेपी नेता और सरकार के प्रवक्ता दावा कर रहे हैं कि लॉकडाउन में फंसे प्रवासी मजदूरों के घर लौटने का ट्रेन किराया राज्यों से देने को कहा गया है. ऐसे में गुजरात के सूरत से एक हैरान करने वाला वाकया सामने आया है.राजेश वर्मा नाम के एक आदमी ने गुजरात से अपने राज्य वापस जाने वाले करीब 100 प्रवासी मजदूरों से टिकट खरीदने के नाम पर ज्यादा पैसे लिए और उन्हें चूना लगाया. वर्मा को बीजेपी की सूरत यूनिट का सदस्य बताया जाता है. सूरत बीजेपी ने राजेश को झारखंड के प्रवासी मजदूरों की यात्रा का इंतजाम देखने के लिए नियुक्त किया गया था.8 मई को एक वीडियो सामने आया जिसमें एक आदमी के माथे से खून निकल रहा है और वो दावा कर रहा है कि वर्मा ने सभी लोगों से टिकट के लिए 2,000 रुपये देने को कहा.
झारखंड का टिकट असल में करीब 750 रुपये का है. लॉकडाउन के दौर में भी मजदूरों ने किसी तरह इकट्ठा करके वर्मा को करीब 1.40 लाख दिए हैं.इसके बाद वर्मा ने इनसे संपर्क नहीं किया. 7 मई को कई मजदूर वर्मा के ऑफिस के बाहर जमा हो गए, जिसके बाद वर्मा ने कथित रूप से इनके साथ हिंसा की.घटना की पुष्टि करते हुए सूरत के ACP अभिजीत परमार ने कहा कि पुलिस वर्मा के ऑफिस पहुंची जब प्रवासी मजदूर बड़ी संख्या में अपने पैसे वापस मांगने पहुंचे. हमने स्थिति सामान्य कराई और मजदूरों को समझाया कि तुरंत झारखंड के लिए कोई ट्रेन नहीं है. हमने उनसे कहा कि हम उनके पैसे वापस करेंगे. राजेश वर्मा को गिरफ्तार कर लिया गया है.क्विंट की रिपोर्ट के मुताबिकबीजेपी के मीडिया कोऑर्डिनेटर प्रशांत वाला ने राजेश वर्मा के लिए कहा कि ‘वो पार्टी का कार्यकर्ता नहीं है’. हालांकि बीजेपी के लेटरहेड के साथ एक नोट पर लिखा है कि वर्मा को बीजेपी ने ही मजदूरों की मदद के लिए नियुक्त किया था.