अब इंदौर बायपास पर पैदल नज़र नहीं आ रहे यात्री; बस में बैठे यात्रियों को दे रहे आवश्यक सामग्री के पैकेट्स
स्टेट प्रेस क्लब पहुँचा बायपास
अली असगर बोहरा
इंदौर,24 May 2020
महाराष्ट्र, गुजरात में काम करनेवाले यूपी, बिहार के प्रवासी मजदूरों के इंदौर बायपास से होकर गुजरने वाले काफिले अब नहीं के बराबर रह गए हैं। पैदल जाने वाले मजदूर अब नजर नहीं आते। दरअसल, अब मप्र सरकार ने सेंधवा में महाराष्ट्र से लगी सीमा पर ही प्रवासी मजदूरों के लिए सारा इंतजाम कर दिया है। मप्र की सीमा में दाखिल होते ही प्रवासी मजदूरों की स्क्रीनिंग, विश्राम, भोजन, पेयजल और यूपी की सीमा तक छोड़ने के लिए बसों की व्यवस्था मप्र सरकार ने कर रखी है। अभी तक हजारों मजदूरों को यूपी की सीमा तक पहुंचाया जा चुका है। यही कारण है कि 8 - 10 दिन पहले तक भूख और गर्मी से बेहाल प्रवासी मजदूरों के जो जत्थे इंदौर बायपास से गुजरते दिखाई देते थे, अब नजर नहीं आते।
अभी भी जारी है जनसेवा का सिलसिला।
मई के शुरुआती दिनों में प्रवासी मजदूरों की बदहाली की खबरें, तस्वीरें और वीडियो ने मां अहिल्या की नगरी इंदौर के लोगों को द्रवित कर दिया था। तत्काल शहर के समाजसेवी, धार्मिक, व्यापारिक, औद्योगिक संगठन,बिल्डर्स, विभिन्न समाजों के पदाधिकारी, राजनीतिक दलों के नेता व कार्यकर्ता और प्रोफेशनल जरूरत की तमाम सामग्री लेकर बायपास पर पहुंच गए थे। देखते ही देखते बायपास पर प्रवासी मजदूरों की मदद करने की होड़ सी मच गई थी। देवदूत बनें इन मददगारों ने प्रवासी मजदूरों को हर वो सामग्री उपलब्ध कराई, जिसकी उन्हें जरूरत थी। भोजन, फल, पेयजल, दूध चाय, नाश्ता, छांछ, फलों का रस आदि सबकुछ उन्हें मुहैया कराया गया। यही नहीं नंगे पैर चल रहे बच्चों, बड़ों और महिलाओं को जूते- चप्पल तक दिए गए ताकि भीषण गर्मी में उनके पैर न जलें। बाद में जिला प्रशासन और नगर निगम भी सक्रिय हुए थे। प्रशासन ने प्रवासी मजदूरों को वाहनों से जिले की सीमा तक छुड़वाने की व्यवस्था की थी तो नगर निगम ने उनके लिए विश्राम, भोजन के पैकेट और पेयजल का प्रबंध किया था। प्रवासी मजदूरों ने भी माना कि इंदौर के लोग उनके लिए मसीहा बनकर आए। उन्होंने उन्हें भोजन, पानी से लेकर वो सबकुछ दिया, जिसकी उन्हें दरकार थी।
मप्र सरकार द्वारा प्रवासी मजदूरों के लिए महाराष्ट्र की सीमा पर ही भोजन, पानी और बसों का इंतजाम कर दिए जाने से पैदल जाने वाले मजदूरों की संख्या न के बराबर रह गई है। इसके चलते ज्यादातर संगठनों ने अब बायपास पर सेवा कार्य बंद कर दिया है लेकिन कुछ लोग अभी भी डटे हुए हैं।
शनिवार को स्टेट प्रेस क्लब मध्यप्रदेश की टीम ने राउ सर्किल से ओमेक्स टोल तक सेवा कार्य किया। बसों और निजी वाहनों से गुजर रहे यात्रियों को कचोरी, चिप्स,बिस्किट,पानी,ओआरएस घोल,शैंपू,सर्फ, चॉकलेट के पैकेट्स वितरित किये।इस मौके पर देव जोशी,विनीत शुक्ला, डॉ. अर्पण जैन,सोनाली यादव,गगन चतुर्वेदी,कृष्णकांत रोकड़े आदि साथी मौजूद थे।यात्रियों ने इंदौर सम्भाग में की जा रही आवभगत की दिल खोलकर तारीफ की।
स्टेट प्रेस क्लब पहुँचा बायपास
अली असगर बोहरा
इंदौर,24 May 2020
महाराष्ट्र, गुजरात में काम करनेवाले यूपी, बिहार के प्रवासी मजदूरों के इंदौर बायपास से होकर गुजरने वाले काफिले अब नहीं के बराबर रह गए हैं। पैदल जाने वाले मजदूर अब नजर नहीं आते। दरअसल, अब मप्र सरकार ने सेंधवा में महाराष्ट्र से लगी सीमा पर ही प्रवासी मजदूरों के लिए सारा इंतजाम कर दिया है। मप्र की सीमा में दाखिल होते ही प्रवासी मजदूरों की स्क्रीनिंग, विश्राम, भोजन, पेयजल और यूपी की सीमा तक छोड़ने के लिए बसों की व्यवस्था मप्र सरकार ने कर रखी है। अभी तक हजारों मजदूरों को यूपी की सीमा तक पहुंचाया जा चुका है। यही कारण है कि 8 - 10 दिन पहले तक भूख और गर्मी से बेहाल प्रवासी मजदूरों के जो जत्थे इंदौर बायपास से गुजरते दिखाई देते थे, अब नजर नहीं आते।
अभी भी जारी है जनसेवा का सिलसिला।
मई के शुरुआती दिनों में प्रवासी मजदूरों की बदहाली की खबरें, तस्वीरें और वीडियो ने मां अहिल्या की नगरी इंदौर के लोगों को द्रवित कर दिया था। तत्काल शहर के समाजसेवी, धार्मिक, व्यापारिक, औद्योगिक संगठन,बिल्डर्स, विभिन्न समाजों के पदाधिकारी, राजनीतिक दलों के नेता व कार्यकर्ता और प्रोफेशनल जरूरत की तमाम सामग्री लेकर बायपास पर पहुंच गए थे। देखते ही देखते बायपास पर प्रवासी मजदूरों की मदद करने की होड़ सी मच गई थी। देवदूत बनें इन मददगारों ने प्रवासी मजदूरों को हर वो सामग्री उपलब्ध कराई, जिसकी उन्हें जरूरत थी। भोजन, फल, पेयजल, दूध चाय, नाश्ता, छांछ, फलों का रस आदि सबकुछ उन्हें मुहैया कराया गया। यही नहीं नंगे पैर चल रहे बच्चों, बड़ों और महिलाओं को जूते- चप्पल तक दिए गए ताकि भीषण गर्मी में उनके पैर न जलें। बाद में जिला प्रशासन और नगर निगम भी सक्रिय हुए थे। प्रशासन ने प्रवासी मजदूरों को वाहनों से जिले की सीमा तक छुड़वाने की व्यवस्था की थी तो नगर निगम ने उनके लिए विश्राम, भोजन के पैकेट और पेयजल का प्रबंध किया था। प्रवासी मजदूरों ने भी माना कि इंदौर के लोग उनके लिए मसीहा बनकर आए। उन्होंने उन्हें भोजन, पानी से लेकर वो सबकुछ दिया, जिसकी उन्हें दरकार थी।
मप्र सरकार द्वारा प्रवासी मजदूरों के लिए महाराष्ट्र की सीमा पर ही भोजन, पानी और बसों का इंतजाम कर दिए जाने से पैदल जाने वाले मजदूरों की संख्या न के बराबर रह गई है। इसके चलते ज्यादातर संगठनों ने अब बायपास पर सेवा कार्य बंद कर दिया है लेकिन कुछ लोग अभी भी डटे हुए हैं।
शनिवार को स्टेट प्रेस क्लब मध्यप्रदेश की टीम ने राउ सर्किल से ओमेक्स टोल तक सेवा कार्य किया। बसों और निजी वाहनों से गुजर रहे यात्रियों को कचोरी, चिप्स,बिस्किट,पानी,ओआरएस घोल,शैंपू,सर्फ, चॉकलेट के पैकेट्स वितरित किये।इस मौके पर देव जोशी,विनीत शुक्ला, डॉ. अर्पण जैन,सोनाली यादव,गगन चतुर्वेदी,कृष्णकांत रोकड़े आदि साथी मौजूद थे।यात्रियों ने इंदौर सम्भाग में की जा रही आवभगत की दिल खोलकर तारीफ की।