कोरोना में लॉकडाउन की मार सबसे अधिक घमंतु समुदाय पर
(श्रीप्रकाश सिंह निमराजे)
अध्यक्ष, गोपाल किरन समाज सेवी संस्था,
ब्यूरोचीफ संदीप शुक्ला
ग्वालियर,25 May 2020
हमारी 135 करोड (पीएम साहेब ने बताया है) की आबादी में 10% लोग घुमंतु समुदाय से होते है..कोई जानवर चलाता है, कोई जडी बूटी इकट्टठा करता है, कोई पानी या मिट्टी का खास जानकार है. कोई बहुरूपीया है, तो कोई जादूगर. कोई खेल करतब वाला. घुमंतु समुदाय में सिंगीवाल चितोडिया, कालबेलिया, कंजर, बावरी, बागरी, रायका, रैबारी, वन बावेरिये, मोग्या, बहुरूपिया, नट, कठपूतली, भाट, भोपा, कलंदर, मदारी, मिरासी, लंगा मांगणियार, ढोली, जोगी, ढाढी, पेरना आदि अनेक समुदाय आते है. कुछ घुमंतु जो देह व्यापार करते थे, डांस बार कला प्रदर्शन के कारण बाहर आ गये थे, कही लॉकडाउन के कारण फिर उसी देह व्यापार में ना चले जाये. ऐसा हुआ तो पिछले 20 वर्षों की मेहनत पर पानी फिर जायेगा, क्योकि केन्द्र ही नहीं राज्य सरकारों द्वारा भी उनके लिये खाध् व सुरक्षा की व्यवस्था नही जा रही है. या कहें दस्तावेजो के अभाव मे नहीं कर पा रहे है.
घुमंतु समुदाय देश की अनमोल धरोहर है जिन्हे लॉकडाउन ने बुरी तरह तोड़कर रख दिया है... यदि सरकार इन्हें जल्द नहीं सहेजेगी तो तय है कि इनके. बहुत कुछ है जो बिखर जाये. हम भारतीय नागरिको का भी दायित्व है कि इनका पता लगने पर हर संभव मदद करे और इस धरोहर को मिटने ना दे.
(श्रीप्रकाश सिंह निमराजे)
अध्यक्ष, गोपाल किरन समाज सेवी संस्था, (रजि.),ग्वालियर,
M.9425118370
(श्रीप्रकाश सिंह निमराजे)
अध्यक्ष, गोपाल किरन समाज सेवी संस्था,
ब्यूरोचीफ संदीप शुक्ला
ग्वालियर,25 May 2020
हमारी 135 करोड (पीएम साहेब ने बताया है) की आबादी में 10% लोग घुमंतु समुदाय से होते है..कोई जानवर चलाता है, कोई जडी बूटी इकट्टठा करता है, कोई पानी या मिट्टी का खास जानकार है. कोई बहुरूपीया है, तो कोई जादूगर. कोई खेल करतब वाला. घुमंतु समुदाय में सिंगीवाल चितोडिया, कालबेलिया, कंजर, बावरी, बागरी, रायका, रैबारी, वन बावेरिये, मोग्या, बहुरूपिया, नट, कठपूतली, भाट, भोपा, कलंदर, मदारी, मिरासी, लंगा मांगणियार, ढोली, जोगी, ढाढी, पेरना आदि अनेक समुदाय आते है. कुछ घुमंतु जो देह व्यापार करते थे, डांस बार कला प्रदर्शन के कारण बाहर आ गये थे, कही लॉकडाउन के कारण फिर उसी देह व्यापार में ना चले जाये. ऐसा हुआ तो पिछले 20 वर्षों की मेहनत पर पानी फिर जायेगा, क्योकि केन्द्र ही नहीं राज्य सरकारों द्वारा भी उनके लिये खाध् व सुरक्षा की व्यवस्था नही जा रही है. या कहें दस्तावेजो के अभाव मे नहीं कर पा रहे है.
घुमंतु समुदाय देश की अनमोल धरोहर है जिन्हे लॉकडाउन ने बुरी तरह तोड़कर रख दिया है... यदि सरकार इन्हें जल्द नहीं सहेजेगी तो तय है कि इनके. बहुत कुछ है जो बिखर जाये. हम भारतीय नागरिको का भी दायित्व है कि इनका पता लगने पर हर संभव मदद करे और इस धरोहर को मिटने ना दे.
(श्रीप्रकाश सिंह निमराजे)
अध्यक्ष, गोपाल किरन समाज सेवी संस्था, (रजि.),ग्वालियर,
M.9425118370