खुशियों की दास्तान का आग़ाज़
नई ज़िंदगी मिली फरहा खान को तो दोहरी खुशी जाहिर की,,,
रहीम शेरानी
इंदौर,26 April 2020
इंदौर अरविंदो हास्पिटल से डिस्चार्ज हुई फरहा खान दोहरी खुशी के साथ अपने घर पहुँची। जहाँ इसे एक और अपने स्वस्थ्य होने की खुशी थी, तो वहीं दूसरी ओर इसे कोरोना के इलाज के दौरान ही जन्मे बच्चे की खुशी भी थी।
फरहा खान ने अपनी मार्मिक भावनाओं को व्यक्त करते हुये कहा कि मेरी ऐसी तिमारदारी हुयी है कि आज घर जाते हुये बुरा लग रहा है।
फरहा खान को कुछ दिन पहले कोरोना पॉजिटिव पाये जाने पर अरविंदो अस्पताल में भर्ती किया गया।
फरहा खान गर्भवती थी।
ऐसे समय में इसका उपचार चुनौती भरा हो गया था।
जच्चा-बच्चा दोनों के जीवन के लिये खतरा था।
चिकित्सकों ने बखूबी इलाज किया।
फरहा खान को सर्जरी से 10 दिन पहले बच्चा हुआ।
फरहा खान को नई खुशी मिली। स्वस्थ्य होने के पश्चात घर लौटते समय उसका कहना था कि मेरा और बच्चे का बहुत अच्छे से ध्यान रखा गया।
अस्पताल में मेरा तथा मेरे बच्चे दोनों का बहुत ध्यान रखा गया। जाँच के लिये भी मुझे इधर-उधर नहीं जाना पड़ता था,
सोनोग्राफी मशीन भी मेरे बेड तक ही आ जाती थी।
कोई परेशानी नहीं आई !
डॉक्टर और स्टॉफ नियमित रूप से चेकअप करते थे।
अस्पताल में थे तो घर की याद आ रही थी।
अब घर में रहेंगे तो उनके देख भाल करने वालों की याद आयेगी।
मैं आज दोहरी खुशी के साथ घर लौट रही हूं।
अरविंदो हॉस्पिटल में आज फरहा को उसी तरह बिदाई दी गयी, जैसे कि मायके से बिदा होने पर किसी बेटी को बिदाई दी जाती है !
नई ज़िंदगी मिली फरहा खान को तो दोहरी खुशी जाहिर की,,,
रहीम शेरानी
इंदौर,26 April 2020
इंदौर अरविंदो हास्पिटल से डिस्चार्ज हुई फरहा खान दोहरी खुशी के साथ अपने घर पहुँची। जहाँ इसे एक और अपने स्वस्थ्य होने की खुशी थी, तो वहीं दूसरी ओर इसे कोरोना के इलाज के दौरान ही जन्मे बच्चे की खुशी भी थी।
फरहा खान ने अपनी मार्मिक भावनाओं को व्यक्त करते हुये कहा कि मेरी ऐसी तिमारदारी हुयी है कि आज घर जाते हुये बुरा लग रहा है।
फरहा खान को कुछ दिन पहले कोरोना पॉजिटिव पाये जाने पर अरविंदो अस्पताल में भर्ती किया गया।
फरहा खान गर्भवती थी।
ऐसे समय में इसका उपचार चुनौती भरा हो गया था।
जच्चा-बच्चा दोनों के जीवन के लिये खतरा था।
चिकित्सकों ने बखूबी इलाज किया।
फरहा खान को सर्जरी से 10 दिन पहले बच्चा हुआ।
फरहा खान को नई खुशी मिली। स्वस्थ्य होने के पश्चात घर लौटते समय उसका कहना था कि मेरा और बच्चे का बहुत अच्छे से ध्यान रखा गया।
अस्पताल में मेरा तथा मेरे बच्चे दोनों का बहुत ध्यान रखा गया। जाँच के लिये भी मुझे इधर-उधर नहीं जाना पड़ता था,
सोनोग्राफी मशीन भी मेरे बेड तक ही आ जाती थी।
कोई परेशानी नहीं आई !
डॉक्टर और स्टॉफ नियमित रूप से चेकअप करते थे।
अस्पताल में थे तो घर की याद आ रही थी।
अब घर में रहेंगे तो उनके देख भाल करने वालों की याद आयेगी।
मैं आज दोहरी खुशी के साथ घर लौट रही हूं।
अरविंदो हॉस्पिटल में आज फरहा को उसी तरह बिदाई दी गयी, जैसे कि मायके से बिदा होने पर किसी बेटी को बिदाई दी जाती है !