राहत कैम्प में घर जैसी अनुभूति हो रही है,, सूरत से वापस लौटे विशाल जगन्नाथ महाजन (लोनी) ने बयान की अपनी दास्तान
मेहलक़ा अंसारी
बुरहानपुर,26 April 2020
कोरोना वायरस महामारी के चलते हुए संपूर्ण भारत वर्ष में लॉकडाउन है। प्रत्येक व्यक्ति अपनी आजीविका चलाने के लिए अपने-अपने स्तर से विभिन्न कार्यो का संपादन करते है वहीं ऐसे में प्रदेश के कुछ मजदूर, जो काम की तलाश में अन्य राज्यों में जाते है तथा वहाँ मजदूरी करके अपनी आजीविका उपार्जन करते है।
लॉकडाउन के कारण कई प्रवासी मजदूर दूसरे राज्यों में फंसे हुए जिनका बुरहानपुर जिले में प्रवेश जारी है। बाहर से आने वाले मजदूरों तथा अन्य लोगों के लिए जिला प्रशासन द्वारा इनके ठहरने, भोजन तथा चाय-नाश्ते की व्यवस्था की गई है। ऐसे बुरहानपुर जिले के ग्राम लोनी निवासी श्री विशाल जगननाथ महाजन ने अपने अनुभव साझा किये। उन्होंने बताया कि मैं गुजरात राज्य के सूरत में कपड़ा फैक्ट्री में कार्य करता हूँ लेकिन कोरोना वायरस के चलते हुए लॉकडाउन लगाये जाने के कारण मुझें अपने शहर बुरहानपुर में आना पड़ा। इस अवधि में मैंने स्वयं घर पर ना जाते हुए शासकीय अस्पताल में मेडिकल परीक्षण करवाया। जिसके बाद मुझें 14 दिवस के क्वारेंटाइन के लिए बहादपुर स्थित बालक छात्रावास में राहत कैम्प में रूकने की व्यवस्था कर दी गई है। विशाल बताता है कि ऐसी व्यवस्था की गई है कि मुझे बिल्कुल भी नहीं लग रहा है कि मैं कही बाहर हूँ ऐसा लगता है कि मैं अपने घर में ही रह रहा हूँ। यहाँ पर दोनों समय का भोजन, चाय-नाश्ता सभी सुविधा दी जा रही है और समय-समय पर अधिकारियों द्वारा हॉलचाल जानने के लिए आवाजाही लगी रहती है। मैं इस विकट परिस्थिति में जो प्रयास किये जा रहे है, जो मानव जीवन का बचाव के लिए कारगर है में, मैं अपना योगदान जिला प्रशासन को देकर खुद को गौरवान्वित महसूस करता हूँ।
मेहलक़ा अंसारी
बुरहानपुर,26 April 2020
कोरोना वायरस महामारी के चलते हुए संपूर्ण भारत वर्ष में लॉकडाउन है। प्रत्येक व्यक्ति अपनी आजीविका चलाने के लिए अपने-अपने स्तर से विभिन्न कार्यो का संपादन करते है वहीं ऐसे में प्रदेश के कुछ मजदूर, जो काम की तलाश में अन्य राज्यों में जाते है तथा वहाँ मजदूरी करके अपनी आजीविका उपार्जन करते है।
लॉकडाउन के कारण कई प्रवासी मजदूर दूसरे राज्यों में फंसे हुए जिनका बुरहानपुर जिले में प्रवेश जारी है। बाहर से आने वाले मजदूरों तथा अन्य लोगों के लिए जिला प्रशासन द्वारा इनके ठहरने, भोजन तथा चाय-नाश्ते की व्यवस्था की गई है। ऐसे बुरहानपुर जिले के ग्राम लोनी निवासी श्री विशाल जगननाथ महाजन ने अपने अनुभव साझा किये। उन्होंने बताया कि मैं गुजरात राज्य के सूरत में कपड़ा फैक्ट्री में कार्य करता हूँ लेकिन कोरोना वायरस के चलते हुए लॉकडाउन लगाये जाने के कारण मुझें अपने शहर बुरहानपुर में आना पड़ा। इस अवधि में मैंने स्वयं घर पर ना जाते हुए शासकीय अस्पताल में मेडिकल परीक्षण करवाया। जिसके बाद मुझें 14 दिवस के क्वारेंटाइन के लिए बहादपुर स्थित बालक छात्रावास में राहत कैम्प में रूकने की व्यवस्था कर दी गई है। विशाल बताता है कि ऐसी व्यवस्था की गई है कि मुझे बिल्कुल भी नहीं लग रहा है कि मैं कही बाहर हूँ ऐसा लगता है कि मैं अपने घर में ही रह रहा हूँ। यहाँ पर दोनों समय का भोजन, चाय-नाश्ता सभी सुविधा दी जा रही है और समय-समय पर अधिकारियों द्वारा हॉलचाल जानने के लिए आवाजाही लगी रहती है। मैं इस विकट परिस्थिति में जो प्रयास किये जा रहे है, जो मानव जीवन का बचाव के लिए कारगर है में, मैं अपना योगदान जिला प्रशासन को देकर खुद को गौरवान्वित महसूस करता हूँ।