सऊदी अरब के बाद अब जापान को दुहने की तैयारी में ट्रम्प, कर दी इतनी बड़ी मांग! कौन कौन से देशों से वसूली कर रहा है अमरीका?
17-Nov-2019
Friday World
Sajjad Ali Nayani
अमरीकी पत्रिका फॉरेन पॉलिसी ने अपनी एक एक्सक्लूसिव रिपोर्ट में बताया है कि ट्रम्प ने जापान में अमरीकी सैनिकों की तैनाती के लिए जो रक़म जापान से मिलती थी उसे चार गुना बढ़ा दिया है.फॉरेन पॉलिसी ने अमरीका के पूर्व वरिष्ठ अधिकारियों के हवाले से बताया है कि यह फैसला, सुरक्षा के बदले अमरीकी घटकों से अधिक रक़म लेने की अमरीका की योजना का हिस्सा है।
पत्रिका के अनुसार जापान में लगभग 50 हज़ार अमरीकी सैनिक मौजूद हैं और जापान से इस रक़म की मांग, जान बोल्टन की यात्रा के दौरान की गयी थी।रिपोर्ट में बताया गया है कि जापान, अमरीका का एकमात्र एशियाई घटक नहीं है जिससे अधिक रक़म तलब की गयी है बल्कि अमरीका ने दक्षिणी कोरिया से भी अधिक रक़म की मांग की है जहां 28500 अमरीकी सैनिक मौजूद हैं। दक्षिणी कोरिया से अमरीका ने पांच गुना अधिक रक़म मांगी है।
इन हालात में कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि अमरीका की ओर से अपने घटकों पर दबाव डाल कर अधिक रक़म लेने की वजह से अमरीका और उसके एशियाई घटकों में तनाव पैदा हो सकता है जिससे चीन और उत्तरी कोरिया जैसे देशों को फायदा होगा।
17-Nov-2019
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Sajjad Ali Nayani
अमरीकी पत्रिका फॉरेन पॉलिसी ने अपनी एक एक्सक्लूसिव रिपोर्ट में बताया है कि ट्रम्प ने जापान में अमरीकी सैनिकों की तैनाती के लिए जो रक़म जापान से मिलती थी उसे चार गुना बढ़ा दिया है.फॉरेन पॉलिसी ने अमरीका के पूर्व वरिष्ठ अधिकारियों के हवाले से बताया है कि यह फैसला, सुरक्षा के बदले अमरीकी घटकों से अधिक रक़म लेने की अमरीका की योजना का हिस्सा है।
पत्रिका के अनुसार जापान में लगभग 50 हज़ार अमरीकी सैनिक मौजूद हैं और जापान से इस रक़म की मांग, जान बोल्टन की यात्रा के दौरान की गयी थी।रिपोर्ट में बताया गया है कि जापान, अमरीका का एकमात्र एशियाई घटक नहीं है जिससे अधिक रक़म तलब की गयी है बल्कि अमरीका ने दक्षिणी कोरिया से भी अधिक रक़म की मांग की है जहां 28500 अमरीकी सैनिक मौजूद हैं। दक्षिणी कोरिया से अमरीका ने पांच गुना अधिक रक़म मांगी है।
इन हालात में कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि अमरीका की ओर से अपने घटकों पर दबाव डाल कर अधिक रक़म लेने की वजह से अमरीका और उसके एशियाई घटकों में तनाव पैदा हो सकता है जिससे चीन और उत्तरी कोरिया जैसे देशों को फायदा होगा।