ईरान के विभिन्न शहरों में हिंसा भड़काने वाले मुख्य सरग़ना गिरफ़्तार, विदेशी ख़ुफ़िया एजेंसियों से था संपर्क
23-Nov-2019
Friday world
Sajjad Ali Nayani
ईरान की इस्लामी क्रांति फ़ोर्स (आईआरजीसी) के प्रवक्ता का कहना है कि देश में पैट्रोल की क़ीमतों में वृद्धि के बाद विभिन्न शहरों में तोड़ फोड़ करने और दंगे भड़काने वाले मुख्य सरग़नाओं को गिरफ़्तार कर लिया गया है।बुधवार को पत्रकारों से बात करते हुए आईआरजीसी के प्रवक्ता जनरल रमज़ान शरीफ़ ने कहा, देश के चार प्रांतों में विरोध प्रदर्शनों के नाम पर अशांति फैलाने वाले मुख्य सरग़नाओं को पकड़ लिया गया है।आईआरजीसी के जनरल का कहना था कि यह गिरफ़्तारियां अलबोर्ज़, फ़ार्स, तेहरान और ख़ुज़िस्तान प्रांतों में हुई हैं।
उन्होंने बताया कि गिरफ़्तार होने वाले तत्व विदेशी ख़ुफ़िया एजेंसियों के संपर्क में थे, लेकिन उन्हें ईरान की ख़ुफ़िया एजेंसियों और सुरक्षा बलों ने धर दबोचा।
शरीफ़ का कहना था कि दुश्मन जब आर्थिक प्रतिबंधों में नाकाम हो गए तो अब उन्होंने देश में अस्थिरता और अशांति उत्पन्न करने के लिए अपने एजेंट छोड़ दिए हैं।
उनका कहना था कि अमरीका और उसके सहयोगियों को ईरान के ख़िलाफ़ पिछले 18 महीने के कड़े प्रतिबंधों से कुछ हासिल नहीं हो सका है। इसीलिए अमरीका ने देश में गड़बड़ी फैलाने का आधिकारिक रूप से समर्थन किया है।
ग़ौरतलब है कि अमरीकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने ईरान में तेल की क़ीमतों के ख़िलाफ़ विरोध प्रदर्शनों के बहाने अशांति फैलाने वालों के समर्थन की घोषणा की थी। msm
23-Nov-2019
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Sajjad Ali Nayani
ईरान की इस्लामी क्रांति फ़ोर्स (आईआरजीसी) के प्रवक्ता का कहना है कि देश में पैट्रोल की क़ीमतों में वृद्धि के बाद विभिन्न शहरों में तोड़ फोड़ करने और दंगे भड़काने वाले मुख्य सरग़नाओं को गिरफ़्तार कर लिया गया है।बुधवार को पत्रकारों से बात करते हुए आईआरजीसी के प्रवक्ता जनरल रमज़ान शरीफ़ ने कहा, देश के चार प्रांतों में विरोध प्रदर्शनों के नाम पर अशांति फैलाने वाले मुख्य सरग़नाओं को पकड़ लिया गया है।आईआरजीसी के जनरल का कहना था कि यह गिरफ़्तारियां अलबोर्ज़, फ़ार्स, तेहरान और ख़ुज़िस्तान प्रांतों में हुई हैं।
उन्होंने बताया कि गिरफ़्तार होने वाले तत्व विदेशी ख़ुफ़िया एजेंसियों के संपर्क में थे, लेकिन उन्हें ईरान की ख़ुफ़िया एजेंसियों और सुरक्षा बलों ने धर दबोचा।
शरीफ़ का कहना था कि दुश्मन जब आर्थिक प्रतिबंधों में नाकाम हो गए तो अब उन्होंने देश में अस्थिरता और अशांति उत्पन्न करने के लिए अपने एजेंट छोड़ दिए हैं।
उनका कहना था कि अमरीका और उसके सहयोगियों को ईरान के ख़िलाफ़ पिछले 18 महीने के कड़े प्रतिबंधों से कुछ हासिल नहीं हो सका है। इसीलिए अमरीका ने देश में गड़बड़ी फैलाने का आधिकारिक रूप से समर्थन किया है।
ग़ौरतलब है कि अमरीकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने ईरान में तेल की क़ीमतों के ख़िलाफ़ विरोध प्रदर्शनों के बहाने अशांति फैलाने वालों के समर्थन की घोषणा की थी। msm