ईरानी जनता के समर्थन के अमरीका के झूठे दावे की रूस ने निंदा की
23-Nov-2019
Sajjad Ali Nayani
रूस ने ईरान की जनता के समर्थन पर आधारित अमरीकी सरकार के झूठे दावे की कड़ी आलोचना की है।
डोनल्ड ट्रम्प के राष्ट्रपति काल में अमरीका ने, ईरान के ख़िलाफ़ अधिकतम दबाव की नीति लागू करके, जिसमें इस देश के ख़िलाफ़ अभूतपूर्व कड़े प्रतिबंध शामिल हैं, ईरानी राष्ट्र से अपनी दुश्मनी को पहले से अधिक स्पष्ट कर दिया है। आश्चर्य की बात यह है कि अमरीकी अधिकारी इसी के साथ ईरानी जनता के समर्थन का भी दावा करते हैं। इस पर रूस ने कड़ी प्रतिक्रिया दिखाते हुए कहा है कि ईरानी जनता के समर्थन के बारे में वाॅशिंग्टन के दावे से माॅस्को हतप्रभ है। रूसी विदेशी मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया ज़ाख़ारोवा ने अमरीकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो के दावे पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि ईरानी राष्ट्र की अधिकांश समस्याओं का ज़िम्मेदार अमरीका है। उन्होंने कहा कि पोम्पियो के दावे ने हमें हतप्रभ कर दिया क्योंकि ईरान में लोगों की अप्रसन्नता और अन्य समस्याओं का कारण बनने वाली अधिकतर चीज़ें वे अमरीकी कार्यवाहियां हो उसने ईरान के ख़िलाफ़ की हैं। उन्होंने कहा कि खाद्य सामग्री, दवाएं और अन्य ज़रूरी चीज़ें हासिल करना ईरानी जनता का अधिकार है लेकिन अमरीका ने अपनी कार्यवाहियों से ईरानी जनता के इस अधिकार को रौंद दिया है।
यह ऐसी स्थिति में है कि जब ट्रम्प सरकार ने ईरान पर अधिक से अधिक दबाव डालने पर अपना ध्यान केंद्रित कर रखा है ताकि अपने विचार में तेहरान को वाॅशिंग्टन की ग़ैर क़ानूनी मांगें स्वीकार करने पर मजबूर कर सके। अमरीका के इन दबावों से ईरान में दवाओं के आयात और इसी प्रकार मानवता प्रेमी सहायताएं पहुंचने में बहुत अधिक रुकावटें आ रही हैं। अलबत्ता अमरीका के अभूतपूर्व दबावों के बावजूद ईरानी राष्ट्र वाॅशिंग्टन के मुक़ाबले में पूरी तरह से डटा हुआ है। ईरान ने पिछले चालीस बरसों में अमरीका के दबावों का सामना किया है। यह वह बात है जिसे अमरीकी टीकाकार भी स्वीकार करते हैं। ईरान के बारे में अमरीका की ट्रम्प सरकार का रवैया इस बात की भी पुष्टि करता है कि उसे ईरानियों की सही पहचान नहीं है। पिछले चालीस साल का अनुभव यह सिद्ध करता है कि ईरान के ख़िलाफ़ विदेशी दबाव जितना बढ़ता जाता है, उतना ही ईरान में आंतरिक एकता, एकजुटता और समरसता में बढ़ोतरी होती जाती है। (HN)
23-Nov-2019
Sajjad Ali Nayani
रूस ने ईरान की जनता के समर्थन पर आधारित अमरीकी सरकार के झूठे दावे की कड़ी आलोचना की है।
डोनल्ड ट्रम्प के राष्ट्रपति काल में अमरीका ने, ईरान के ख़िलाफ़ अधिकतम दबाव की नीति लागू करके, जिसमें इस देश के ख़िलाफ़ अभूतपूर्व कड़े प्रतिबंध शामिल हैं, ईरानी राष्ट्र से अपनी दुश्मनी को पहले से अधिक स्पष्ट कर दिया है। आश्चर्य की बात यह है कि अमरीकी अधिकारी इसी के साथ ईरानी जनता के समर्थन का भी दावा करते हैं। इस पर रूस ने कड़ी प्रतिक्रिया दिखाते हुए कहा है कि ईरानी जनता के समर्थन के बारे में वाॅशिंग्टन के दावे से माॅस्को हतप्रभ है। रूसी विदेशी मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया ज़ाख़ारोवा ने अमरीकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो के दावे पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि ईरानी राष्ट्र की अधिकांश समस्याओं का ज़िम्मेदार अमरीका है। उन्होंने कहा कि पोम्पियो के दावे ने हमें हतप्रभ कर दिया क्योंकि ईरान में लोगों की अप्रसन्नता और अन्य समस्याओं का कारण बनने वाली अधिकतर चीज़ें वे अमरीकी कार्यवाहियां हो उसने ईरान के ख़िलाफ़ की हैं। उन्होंने कहा कि खाद्य सामग्री, दवाएं और अन्य ज़रूरी चीज़ें हासिल करना ईरानी जनता का अधिकार है लेकिन अमरीका ने अपनी कार्यवाहियों से ईरानी जनता के इस अधिकार को रौंद दिया है।
यह ऐसी स्थिति में है कि जब ट्रम्प सरकार ने ईरान पर अधिक से अधिक दबाव डालने पर अपना ध्यान केंद्रित कर रखा है ताकि अपने विचार में तेहरान को वाॅशिंग्टन की ग़ैर क़ानूनी मांगें स्वीकार करने पर मजबूर कर सके। अमरीका के इन दबावों से ईरान में दवाओं के आयात और इसी प्रकार मानवता प्रेमी सहायताएं पहुंचने में बहुत अधिक रुकावटें आ रही हैं। अलबत्ता अमरीका के अभूतपूर्व दबावों के बावजूद ईरानी राष्ट्र वाॅशिंग्टन के मुक़ाबले में पूरी तरह से डटा हुआ है। ईरान ने पिछले चालीस बरसों में अमरीका के दबावों का सामना किया है। यह वह बात है जिसे अमरीकी टीकाकार भी स्वीकार करते हैं। ईरान के बारे में अमरीका की ट्रम्प सरकार का रवैया इस बात की भी पुष्टि करता है कि उसे ईरानियों की सही पहचान नहीं है। पिछले चालीस साल का अनुभव यह सिद्ध करता है कि ईरान के ख़िलाफ़ विदेशी दबाव जितना बढ़ता जाता है, उतना ही ईरान में आंतरिक एकता, एकजुटता और समरसता में बढ़ोतरी होती जाती है। (HN)