ईरानी एयर डिफ़ेंस ने अमरीका के सबसे महंगे ड्रोन को दौड़ से बाहर कर दिया, ग्लोबल हाॅक रिटायर किया जाएगा!
21-Nov-2019
Friday world
Sajjad Ali Nayani
अमरीकी पत्रिका फ़ाॅरेन पाॅलिसी ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि ईरान द्वारा अमरीकी ड्रोन ग्लोबल हाॅक को मार गिराया जाना, पेंटागन के लिए ख़तरे की घंटी थी और अमरीकी सेना इस ड्रोन को रिटायर करने वाली है। पत्रिका ने लिखा है कि ईरान के एयर डिफ़ेंस द्वारा ग्लोबल हाॅक को लक्ष्य बनाए जाने के बाद इस बात की प्रबल संभावना है कि अमरीकी सेना ड्रोन के इस माॅडल को रिटायर कर दे। पत्रिका का कहना है कि ईरान द्वारा हुर्मुज़ स्ट्रेट की वायु सीमा में अमरीका के इस महंगे ड्रोन को मार गिराए जाने के कुछ ही महीने बाद अमरीकी रक्षा मंत्रालय पेंटागन इस बात की समीक्षा कर रहा है कि वायु सीमा के पास मौजूद लगभग तीन दर्जन ग्लोबल हाॅक ड्रोनों में से दो तिहाई को रिटायर कर दिया जाए। पत्रिका के अनुसार यह क़दम, चीन और रूस से मुक़ाबले के लिए आवश्यक क्षमता हासिल करने की राह में उठाया जा रहा है। अमरीकी अधिकारियों ने फ़ाॅरेन पालिसी को बताया है कि इस योजना के अनुसार पश्चिमी एशिया और संसार के अन्य इलाक़ों में सूचनाएं एकत्रित कर रहे वायु सेना के 35 ग्लोबल हाॅक ड्रोनों में से 21 को रिटायर कर दिया जाएगा। यह योजना, पेंटागन के अगले साल के बजट के अंतर्गत, अमरीकी रक्षा मंत्रालय के कार्यालय को सौंप दी गई है।
इस रिपोर्ट के अनुसार पेंटागन, अमरीका की राष्ट्रीय प्रतिरक्षा रणनीति के आधार पर, जिसमें वर्तमान समय को "बड़ी शक्तियों के टकराव का काल" कहा गया है, धीरे धीरे आतंकवाद से संघर्ष के अभियानों से दूर हो रहा है और चीन व रूस से मुक़ाबले के लिए आवश्यक क्षमताओं की प्राप्ति की दिशा में बढ़ रहा है। इस आधार पर अमरीका को इस प्रकार के ड्रोनों की ज़रूरत है जो दोनों देशों के आकाशों में उड़ानें भर सकें। फ़ाॅरेन पालिसी के अनुसार वे 21 ड्रोन जिन्हें अमरीकी वायुू सेना को अलग करना है, ग्लोबल हाॅक के "ब्लाॅक 30" माॅडल के हैं। ये ड्रोन इलोक्ट्रो आप्टिक सिस्टम, इन्फ़्रारेड रडारों और सूचनाओं के सिग्नल प्राप्त करने सेंसर्ज़ से लैस हैं। अमरीकी अधिकारियों के अनुसार ये ड्रोन पहलीे बार वर्ष 2001 में अमरीकी वायु सेना में शामिल किए गए थे और अब ऐसा लगता है कि दुश्मन के हमलों से इनका बचना मुश्किल है।
फ़ाॅरेन पाॅलिसी ने अपनी रिपोर्ट में इसके बाद ग्लोबल हाॅक की विशेषताओं का उल्लेख करते हुए लिखा है कि ईरान की ओर से इस ड्रोन को मार गिराया जाना, ग्लोबल हाॅक के लिए एक रेड सिग्नल था और इससे साबित हो गया कि अगली लड़ाइयों में यह चालक रहित विमान, कमज़ोर सिद्ध होगा। अमरीका के एक सैन्य विशेषज्ञ लाॅरेन थैम्पस ने ईरान को रूस व चीन के बाद दूसरे दर्जे की ताक़त बताते हुए कहा है कि जब ईरान जैसी दूसरे दर्जे की ताक़त अपने स्थानीय मीज़ाइल से आपके ड्रोन को मार गिराती है तो यह भविष्य के लिए अच्छा संकेत नहीं है। फ़ाॅरेन पालिसी ने लिखा है कि ऐसे प्रमाण मौजूद हैं कि अमरीका, सूचनाएं एकत्रित करने के मैदान में पाए जाने वाले शून्य को पाटने के लिए आर.क्यू.180 समेत कई अन्य ड्रोनों का इस्तेमाल कर रहा है। वाॅशिंग्टन का दावा है कि यह ड्रोन, दुश्मन की वायु सीमा में घुसपैठ कर सकता है।
ज्ञात रहे कि इसी साल 20 जून को ईरान ने अमरीका के एक ग्लोबल हाॅक ड्रोन को अपनी वायु सीमा में घुसने के बाद मार गिराया था। ईरान ने अमरीका के इस सबसे महंगे और सबसे बड़े ड्रोन को अपने देसी मीज़ाइल सिस्टम "3 ख़ुर्दाद" के माध्यम से मार गिराया था। (HN)
21-Nov-2019
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Sajjad Ali Nayani
अमरीकी पत्रिका फ़ाॅरेन पाॅलिसी ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि ईरान द्वारा अमरीकी ड्रोन ग्लोबल हाॅक को मार गिराया जाना, पेंटागन के लिए ख़तरे की घंटी थी और अमरीकी सेना इस ड्रोन को रिटायर करने वाली है। पत्रिका ने लिखा है कि ईरान के एयर डिफ़ेंस द्वारा ग्लोबल हाॅक को लक्ष्य बनाए जाने के बाद इस बात की प्रबल संभावना है कि अमरीकी सेना ड्रोन के इस माॅडल को रिटायर कर दे। पत्रिका का कहना है कि ईरान द्वारा हुर्मुज़ स्ट्रेट की वायु सीमा में अमरीका के इस महंगे ड्रोन को मार गिराए जाने के कुछ ही महीने बाद अमरीकी रक्षा मंत्रालय पेंटागन इस बात की समीक्षा कर रहा है कि वायु सीमा के पास मौजूद लगभग तीन दर्जन ग्लोबल हाॅक ड्रोनों में से दो तिहाई को रिटायर कर दिया जाए। पत्रिका के अनुसार यह क़दम, चीन और रूस से मुक़ाबले के लिए आवश्यक क्षमता हासिल करने की राह में उठाया जा रहा है। अमरीकी अधिकारियों ने फ़ाॅरेन पालिसी को बताया है कि इस योजना के अनुसार पश्चिमी एशिया और संसार के अन्य इलाक़ों में सूचनाएं एकत्रित कर रहे वायु सेना के 35 ग्लोबल हाॅक ड्रोनों में से 21 को रिटायर कर दिया जाएगा। यह योजना, पेंटागन के अगले साल के बजट के अंतर्गत, अमरीकी रक्षा मंत्रालय के कार्यालय को सौंप दी गई है।
इस रिपोर्ट के अनुसार पेंटागन, अमरीका की राष्ट्रीय प्रतिरक्षा रणनीति के आधार पर, जिसमें वर्तमान समय को "बड़ी शक्तियों के टकराव का काल" कहा गया है, धीरे धीरे आतंकवाद से संघर्ष के अभियानों से दूर हो रहा है और चीन व रूस से मुक़ाबले के लिए आवश्यक क्षमताओं की प्राप्ति की दिशा में बढ़ रहा है। इस आधार पर अमरीका को इस प्रकार के ड्रोनों की ज़रूरत है जो दोनों देशों के आकाशों में उड़ानें भर सकें। फ़ाॅरेन पालिसी के अनुसार वे 21 ड्रोन जिन्हें अमरीकी वायुू सेना को अलग करना है, ग्लोबल हाॅक के "ब्लाॅक 30" माॅडल के हैं। ये ड्रोन इलोक्ट्रो आप्टिक सिस्टम, इन्फ़्रारेड रडारों और सूचनाओं के सिग्नल प्राप्त करने सेंसर्ज़ से लैस हैं। अमरीकी अधिकारियों के अनुसार ये ड्रोन पहलीे बार वर्ष 2001 में अमरीकी वायु सेना में शामिल किए गए थे और अब ऐसा लगता है कि दुश्मन के हमलों से इनका बचना मुश्किल है।
फ़ाॅरेन पाॅलिसी ने अपनी रिपोर्ट में इसके बाद ग्लोबल हाॅक की विशेषताओं का उल्लेख करते हुए लिखा है कि ईरान की ओर से इस ड्रोन को मार गिराया जाना, ग्लोबल हाॅक के लिए एक रेड सिग्नल था और इससे साबित हो गया कि अगली लड़ाइयों में यह चालक रहित विमान, कमज़ोर सिद्ध होगा। अमरीका के एक सैन्य विशेषज्ञ लाॅरेन थैम्पस ने ईरान को रूस व चीन के बाद दूसरे दर्जे की ताक़त बताते हुए कहा है कि जब ईरान जैसी दूसरे दर्जे की ताक़त अपने स्थानीय मीज़ाइल से आपके ड्रोन को मार गिराती है तो यह भविष्य के लिए अच्छा संकेत नहीं है। फ़ाॅरेन पालिसी ने लिखा है कि ऐसे प्रमाण मौजूद हैं कि अमरीका, सूचनाएं एकत्रित करने के मैदान में पाए जाने वाले शून्य को पाटने के लिए आर.क्यू.180 समेत कई अन्य ड्रोनों का इस्तेमाल कर रहा है। वाॅशिंग्टन का दावा है कि यह ड्रोन, दुश्मन की वायु सीमा में घुसपैठ कर सकता है।
ज्ञात रहे कि इसी साल 20 जून को ईरान ने अमरीका के एक ग्लोबल हाॅक ड्रोन को अपनी वायु सीमा में घुसने के बाद मार गिराया था। ईरान ने अमरीका के इस सबसे महंगे और सबसे बड़े ड्रोन को अपने देसी मीज़ाइल सिस्टम "3 ख़ुर्दाद" के माध्यम से मार गिराया था। (HN)