देश की सत्ता एक ही घर में, छोटा भाई राष्ट्रपति बड़ा प्रधानमंत्री
23-Nov-2019
Sajjad Ali Nayani
दुनिया में ऐसा कम ही हुआ होगा कि किसी देश की सत्ता केवल एक ही परिवार के हाथ में हो। संयोगवश ऐसा श्रीलंका में होने वाला है।श्रीलंका में अब जहां एक भाई राष्ट्रपति होगा तो वहीं दूसरा इस देश के प्रधानमंत्री पद पर विराजमान दिखाई देगा।हाल ही में श्रीलंका में संपन्न हुए राष्ट्रपति चनाव के बाद इस देश के राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे ने बुधवार को अपने बड़े भाई महिंदा राजपक्षे को श्रीलंका के प्रधानमंत्री के रूप में नामित किया है। सरकार के प्रवक्ता विजयानंदा हेराथ ने इस बात की पुष्टि की है।
उनका कहना है कि महिंदा राजपक्षे जल्द ही प्रधानमंत्री जिम्मेदारी संभाल लेंगे। अब वे इस्तीफा दे चुके रनिल विक्रमसिंघे का स्थान लेंगे।उल्लेखनीय है कि सन 2005 में जब महिंदा राजपक्षे पहली बार श्रीलंका के राष्ट्रपति बने थे तब उन्होंने गोटाबाया राजपक्षे को श्रीलंका के रक्षा मंत्रालय में स्थाई सचिव नियुक्त किया था। गोटाबाया के नेतृत्व में ही लिट्टे के खिलाफ सैन्य अभियान चलाया गया था। श्रीलंका में माना जाता है कि दोनों भाइयों, गोटाबाया राजपक्षे और महिंदा राजपक्षे के चीन से क़रीबी रिश्ते हैं। महिंदा राजपक्षे सन 2005 से 2015 तक श्रीलंका के राष्ट्रपति रह चुके हैं।
23-Nov-2019
Sajjad Ali Nayani
दुनिया में ऐसा कम ही हुआ होगा कि किसी देश की सत्ता केवल एक ही परिवार के हाथ में हो। संयोगवश ऐसा श्रीलंका में होने वाला है।श्रीलंका में अब जहां एक भाई राष्ट्रपति होगा तो वहीं दूसरा इस देश के प्रधानमंत्री पद पर विराजमान दिखाई देगा।हाल ही में श्रीलंका में संपन्न हुए राष्ट्रपति चनाव के बाद इस देश के राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे ने बुधवार को अपने बड़े भाई महिंदा राजपक्षे को श्रीलंका के प्रधानमंत्री के रूप में नामित किया है। सरकार के प्रवक्ता विजयानंदा हेराथ ने इस बात की पुष्टि की है।
उनका कहना है कि महिंदा राजपक्षे जल्द ही प्रधानमंत्री जिम्मेदारी संभाल लेंगे। अब वे इस्तीफा दे चुके रनिल विक्रमसिंघे का स्थान लेंगे।उल्लेखनीय है कि सन 2005 में जब महिंदा राजपक्षे पहली बार श्रीलंका के राष्ट्रपति बने थे तब उन्होंने गोटाबाया राजपक्षे को श्रीलंका के रक्षा मंत्रालय में स्थाई सचिव नियुक्त किया था। गोटाबाया के नेतृत्व में ही लिट्टे के खिलाफ सैन्य अभियान चलाया गया था। श्रीलंका में माना जाता है कि दोनों भाइयों, गोटाबाया राजपक्षे और महिंदा राजपक्षे के चीन से क़रीबी रिश्ते हैं। महिंदा राजपक्षे सन 2005 से 2015 तक श्रीलंका के राष्ट्रपति रह चुके हैं।